सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

फंगल इन्फेक्शन में दही खाना चाहिए।फंगल इन्फेक्शन में क्या Nahi खाना चाहिए

 फंगल इन्फेक्शन में दही खाना चाहिए या नहीं। क्या आप यह सोच रहे हैं कि फंगल इन्फेक्शन में दही खाना चाहिए या नहीं तो इसका सीधा सा जवाब है कि फंगल इन्फेक्शन में दही नहीं खाना चाहिए अगर आप फंगल इन्फेक्शन में दही खाते हैं तो इससे फंगल इंफेक्शन  ज्यादा बढ जाएगा और ठीक नहीं होगा इसलिए आप फंगल इन्फेक्शन में दही  ना खाए भले ही कोई कहे  फंगल इंफेक्शन को जड़ से खत्म कैसे करें

बेस्ट फंगल इन्फेक्शन क्रीम नाम। फंगल इन्फेक्शन की सबसे अच्छी क्रीम कौन सी है।  फंगल क्रीम एक दवा होती है जिसका इस्तेमाल फंगल इन्फेक्शन के इलाज में किया जाता है। यह क्रीम त्वचा में और उसके आसपास फंगल विकास को रोकने के लिए त्वचा पर लगाई जाती है। फंगल संक्रमण विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे खुजली, दाद, फफूंदी और अन्य संक्रमण। इन संक्रमणों का कारण आमतौर पर फंगस होता है। फंगल क्रीम में एंटीफंगल दवाओं का उपयोग किया जाता हैं जो इन संक्रमणों का इलाज करने में मदद करती हैं।

फंगल इन्फेक्शन में दही खाना चाहिए

फंगल इन्फेक्शन  बहुत ही सामान्य है फंगल इन्फेक्शन एक प्रकार का त्वचा संक्रमण है जो विभिन्न प्रकार के कवक के कारण होता है। यह संक्रमण त्वचा, नाखून,बालों में, मुंह और शरीर के अन्य अंगों में हो सकता है। यह एक आम समस्या है और इसके कई प्रकार हैं।

फंगल संक्रमण के लक्षण अलग-अलग होते हैं लेकिन कुछ सामान्य लक्षण खुजली, जलन, सूखापन, और चकत्ते हैं।

इस संक्रमण को रोकने के लिए आपको अपनी साफ-सफाई पर ध्यान देना होता है, संक्रमण के कारणों को जानना चाहिए और जरूरत पड़ने पर दवाओं या क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए।

फंगल इन्फेक्शन एक ऐसा त्वचा रोग जिसने लोगो को काफी परेशान किया। वैसे तो फंगी के द्वारा सबसे आम दाद होता है और इसी को अधिकतर फंगल इंफेक्शन कहा जाता है अगर कोई अमुक व्यक्ति कहता है कि उसे फंगल इन्फेक्शन है तो यहां पर कोई व्यक्ति यही अंदाजा  लगाता है कि दाद की समस्या है। इसके अन्य नाम में हम इसे कवक संक्रमण या फिर फफूंदीय संक्रमण भी कहते हैं कवक हमारे साथ हमेशा मौजूद रहते हैं और हमारे शरीर के अंदर सामान्य रूप से भी पाए जाते हैं और जब यह हमारे शरीर में अधिक मात्रा में हो जाते हैं तो यह कभी-कभी फंगल इन्फेक्शन का कारण बन जाते हैं

स्टेरॉइड  क्रीम दाद में कैसे यूज करें 

ring guard vs itch guard in हिंदी।

 luliconazole cream uses in hindi

 उम्मीद है कि अभी तक आपने फंगल इंफेक्शन का अर्थ अच्छे से समझ जरूर आया होगा और अब हम आपको दाद जिसे फंगल इन्फेक्शन भी कहा जाता है के बारे में बताइए

फंगल इन्फेक्शन को जड से खत्म कैसे करें

 फंगल इन्फेक्शन के कारण व उपचार   

फंगल इंफेक्शन शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है और शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है 

 फंगल इन्फेक्शन वैसे तो कोई बड़ी बीमारी नहीं है लेकिन जब इस बीमारी को गंभीरता से ना लेते हुए लापरवाही की जाती है और इसका इलाज अच्छे से नहीं किया जाता तो फिर यह एक भयंकर धारण कर लेती है फंगल इन्फेक्शन अर्थात कवक संक्रमण दाद के के रूप में शरीर के विभिन्न विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है शरीर के विभिन्न हिस्सों  पर होने के कारण ही इससे विभिन्न नाम से पुकारा जाता है 

फंगल इंफेक्शन कितने प्रकार के होते है

एथलीट फुट

फंगल इन्फेक्शन जब किसी व्यक्ति के पैरों की उंगलियों के बीच में होता है तो इस प्रकार के फंगल इन्फेक्शन को एथलीट फुट या टिनिया पेडिस कहा जाता है जो लोग अधिकतर सारा दिन जूते पहनते हैं और या फिर अधिकतर अपना ज्यादातर समय पानी में बिताते हैं उन लोगों में एथलीट फुट की समस्या ज्यादा देखने को मिलते हैं या फिर जो लोग ज्यादा खुले पैर घूमते रहते हैं
और ऐसे व्यक्ति भी जो अधिकतर भागदौड़ का काम करते हैं और इसीलिए इसे एथलीट फुट जाता है

जॉक इच

इस प्रकार की दाद की समस्या अधिकतर जांघों के बीच में होती है अर्थात प्राइवेट पार्ट में होने वाली फंगल इन्फेक्शन को  कह जाता है इस तरह की दाद की समस्या अधिकतर ऐसे  लोगों में देखने को मिलती है जो बहुत ही तंग कपड़े पहनते हैं और अधिकतर प्राइवेट पार्ट में पसीने के कारण इस तरह की दाद हो जाती है कुछ लोग नहाने  के बाद में बिना शरीर को अच्छे से सुखाये जल्दी जल्दी में कपड़े पहनते हैं और इस कारण शरीर में नमी रह जाती है जिससे  गीले कपड़ों से फंगस हो जाती है  और यह एक फंगल संक्रमण का कारण बनती हैं

 नाखून में फंगल इन्फेक्शन

फंगल इंफेक्शन नाखूनों को भी प्रभावित करते हैं और नाखूनों में फंगल इन्फक्शन जब हो जाते हैं तो उससे भी
एक अलग नाम दिया जाता है ओनिकोमाइकोसिस कहा जाता है और अधिकतर इस प्रकार का फंगल इन्फेक्शन बहुत लोगों में देखने को मिलता है इस प्रकार का फंगल इन्फेक्शन टाइकोफाइटन, कवकों प्रजाति से होता है

टीनिया कैपिटिस

जब किसी व्यक्ति को फंगल इन्फेक्शन सिर में होता है तो इस प्रकार के फंगल इन्फेक्शन को टीनिया कैपिटिस बोला जाता है इसमें व्यक्ति के से सिर से बाल झड़ जाते हैं और व्यक्ति गंजा हो जाता है और इससे गंजेपन की समस्या भी हो जाती हैं

तो यह थे फंगल इंफेक्शन के प्रकार जो अलग अलग नाम से जाने जाते हैं मगर यह सभी  दाद ही हैं

फंगल इन्फेक्शन के लक्षण 

फंगल इंफेक्शन का सबसे बड़ा लक्षण यह है कि यह गोल गोल सा दिखाई देता है और उसमें लालिमा भी होती है। अर्थात अगर किसी व्यक्ति को फंगल इन्फेक्शन है और  उसमें खुजली होती है तो उसे हम फंगल इन्फेक्शन कह सकते हैं दाद में एग्जिमा सोरायसिस से कम  खुजली होती है एग्जिमा सोरायसिस में लगातार खुजली होती रहती है लेकिन फंगल इन्फेक्शन में थोड़ी कम खुजली होती है और यह गोल रूप में ही आगे बढ़ता हैं और इसीलिए इसे रिंगवर्म भी बोला जाता है और अगर  किसी व्यक्ति के शरीर पर तेज खुजली होती है और वह त्वचा रोग गोल रूप में  आगे नहीं बढ़ता तो  हो सकता है कि वह फंगल इन्फेक्शन ना हो ऐसे में वह एग्जिमा या सोरायसिस  रोग हो सकता है

फंगल इन्फेक्शन का उपचार

फंगल इन्फेक्शन का इलाज क्या है और इसका इलाज कैसे किया जाए तो इसका इलाज व्यक्ति पर निर्भर करता है इसका इलाज दो तरीके से किया जाता है एक व्यक्ति खुद से इसका इलाज करें और दूसरा किसी चिकित्सक से अपना इलाज कराएं  फंगल इन्फेक्शन को अगर व्यक्ति अच्छे से इसके बारे में जानता है और अच्छे से इसका परहेज करता है और कुछ क्रीम का प्रयोग करता है तो फंगल इन्फेक्शन का इलाज  खुद ही कर सकता है लेकिन अगर वह इसके बारे में कुछ भी नहीं जानता और उसे इसका बिल्कुल भी ज्ञान नहीं तो वह डॉक्टर की सलाह से इसका इलाज कर सकते हैं तो यह  व्यक्ति की अपनी खुद की समझ है कि वह  इसका इलाज कैसे करना चाहता है 
अगर कोई खुद से इलाज करना चाहता है तो उसके लिए कुछ क्रीम आपको बाजार में मिल जाते हैं अगर आप उनका प्रयोग करते हैं तो फंगल इनफेक्शन ठीक हो सकता है इलाज करते समय एक बात का विशेष ध्यान रखें के स्टेरॉइड क्रीम का प्रयोग ना करें और अगर करना भी हो तो अल्प समय के लिए ही प्रयोग करें

 फंगल इनफेक्शन के घरेलू उपाय

फंगल इन्फेक्शन का इलाज खुद से किया जाए इसके लिए चाहिए घर पर एक नारियल का तेल जरूर रखें और इसे दिन में तीन से चार बार फंगल इनफेक्शन पर लगाते रहेंगे इससे फंगल इन्फेक्शन में खुजली नहीं होगी और फंगल इंफेक्शन भी ठीक हो जाएगा यह सबसे बढ़िया कारगर उपाय हैं घरेलू उपचार का लेकिन इसके साथ 
अगर रोग ठीक नहीं होता तो कुछ क्रीम का भी प्रयोग करना चाहिए

फंगल इनफेक्शन का होम्योपैथी इलाज

फंगल इंफेक्शन का होम्योपैथिक उपचार आपको दर्जनों दवाई होम्योपैथी में मिल जाएंगी जो फंगल इन्फेक्शन को ठीक कर देगी लेकिन आप सभी का यूज मत करें आप एक बढ़िया सी कोई मेडिसिन ले सकते हैं जो फंगल इन्फेक्शन में ठीक-ठाक काम कर देगी इसके लिए जो बेस्ट मेडिसिन आती है वह है टेल्यूरियम।
 
टेल्लूरियम आपको 30 पावर में लेनी होगी और इस दवा की सुबह, शाम, दोपहर को  4 से 5 बूंद आधा कप पानी में डालकर खाना खाने से पहले खाली पेट लेनी होगी और दवा को आपको लगभग 2 से 3 सप्ताह लेना होगा
इससे आपका फंगल इन्फेक्शन समाप्त हो जाएगा 

फंगल इन्फेक्शन का अंग्रेजी इलाज

फंगल इंफेक्शन का अंग्रेजी उपचार  जरूरी होता है क्योंकि अगर होम्योपैथिक दवाएं और घरेलू उपचार काम नहीं करते तो इस कंडीशन में अंग्रेजों के उपचार किया जाता है अगर फंगल इन्फेक्शन बिल्कुल नया है और अभी 2 से 4 दिन का ही हुआ है तो इस कंडीशन में आप रिंग गार्ड क्रीम का यूज कर सकते हैं  5 से 7 दिन में ही आपके फंगल इन्फेक्शन को बिल्कुल साफ कर देता है रिंग गार्ड क्रीम एक एंटी बैक्टीरियल एंटी फंगल क्रीम है जो त्वचा में होने वाली खुजली और फंगल इंफेक्शन को ठीक करती हैं  

 क्वेश्चन और आंसर 

फंगल इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है। 

अगर आप इसका जवाब जानना चाहते है तो इसका  सीधा सा उत्तर यह है कि जिस दिन से आप ये निश्चय कर लेते है तो उसी दिन से दाद ठीक होने लगता है लेकिन अगर ऐसे ही मजाक में दाद को ले लेते है और ढंग से इसका इलाज नहीं करते तो इस रोग को ठीक होने में दिन नहीं बल्कि दिनोंं का समय लगेगा। और ऐसा काफी लोगो के साथ देखने को मिला है दाद होने पर दवाई, क्रीम तो सभी लेते है लेकिन सभी का दाद ठीक नहीं होता कारण बस यही होता है कि ऐसे लोग निश्चय करके उपचार नहीं करते अगर आप नियमित रूप से दाद का इलाज करते है तो फंगल इन्फेक्शन 7 से 8 दिन में पूरा ठीक हो जाता है।

चेहरे पर फंगल इन्फेक्शन की दवा क्या है?

चेहरे पर फंगल इन्फेक्शन की दवा। चेहरे पर फंगल इन्फेक्शन होना एक निराशाजनक है क्योंकि व्यक्ति की सुंदरता उसके चेहरे से होती है और हर व्यक्ति चाहता है कि उसका चेहरा सुंदर और स्वस्थ बना रहे ऐसे में चेहरे पर फंगल इंफेक्शन हो ना बहुत खराब लगता है आप इसे किसी से छुपा भी नहीं सकते और दिखाने में थोड़ी शर्म महसूस होती है अक्सर देखा जाता है कि जब किसी व्यक्ति को चेहरे पर फंगल इंफेक्शन हो जाता है तो व्यक्ति अपने आसपास किसी से जल्दी से मिलता भी नहीं क्योंकि उसे उनसे मिलने में थोड़ी हिचक महसूस होने लगती है और वह फंगल इंफेक्शन को सबसे छिपाने की कोशिश करता रहता है इस पोस्ट में हम आपको कुछ ऐसी दवाई के बारे में बताएंगे जिससे आपको इस तरह की परेशानी नहीं होगी और आपका फंगल इन्फेक्शन भी ठीक हो जाएगा


अगर आपके चेहरे पर फंगल इनफेक्शन या दाद हो गया है तो आपको इसको ठीक करने के लिए क्रीम और दवा दोनों का ही प्रयोग करना चाहिए अर्थात क्रीम को इस पर लगाना चाहिए और दवा भी जरूर खानी चाहिए क्योंकि इससे जल्दी आराम होता है लेकिन अगर आपका मिलना जुलना बहुत लोगों से है और आप शादी वगैरह में भी बहुत ज्यादा जाते हैं तो इस कंडीशन में आप  को स्टेरॉइड क्रीम यूज़ करना चाहिए स्टेरॉइड क्रीम  फंगल इन्फेक्शन पर आमतौर पर यूज करने की सलाह कभी भी डॉक्टर के द्वारा नहीं दी जाती क्योंकि स्टेरॉइड क्रीम फंगल इन्फेक्शन को ठीक नहीं करता लेकिन चेहरे पर फंगल इन्फेक्शन होने की वजह से स्टेरॉइड क्रीम का उपयोग किया जा सकता है

स्टेरॉइड क्रीम दाद को छुपा देता है जिससे दाद किसी को जल्दी से नहीं दिखाई देता लेकिन यह स्किन में मौजूद रहता है। इस तरह आप दाद छुपा सकते हैं जिससे किसी को भी यह  दिखाई नहीं देगा लेकिन आपको एंटी फंगल क्रीम और दवा दोनों लेते रहना पड़ेगा जब तक की  अंदर से ठीक ना हो जाए नहीं तो फिर यह 3 से 4 दिन बाद आपके चेहरे पर दोबारा से दिखने लगे गा और आप इससे से परेशान हो जाएंगे

फंगल इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए

कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं अगर उनमें सही से खानपान किया जाए तो उन रोगों  से बहुत जल्दी छुटकारा मिल जाता है और अगर बेहतर खानपान ना हो तो साधारण  सा  रोग भी बहुत भयानक रूप ले लेता हैं उन्हीं में से फंगल इन्फेक्शन  रोग आता है  रोग खानपान के साथ गहरा संबंध रखते हैं और अगर इन रोगों  में खान-पान का ध्यान ना रखा गया तो फिर ये रोग  जल्दी से ठीक नहीं होते और लंबे समय तक शरीर को ठीक नहीं होने देते आज हम लोग इनके खान-पान  पर बात करेंगे इनमें हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
फंगल इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए, फंगल इन्फेक्शन  होने पर हमें अपने खान-पान का ध्यान रखना होता है, चाहे वह फंगल इंफेक्शन हो या एक्जीमा या सोराइसिस, कोई चर्म रोग जिसमें आपको खुजली होती है, आपको इसका विशेष ध्यान रखना होता है। सही खान-पान - पान के पत्तों का ध्यान रखा जाए तो दाद की समस्या से बहुत जल्दी बचा जा सकता है। इसे खूब इस्तेमाल करें, लेकिन फंगल इन्फेक्शन की समस्या होने पर आपको चावल के बारे में कुछ बातें पता होनी चाहिए, इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि फंगल इन्फेक्शन  होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

 फंगल इन्फेक्शन होने पर क्या नहीं खाना चाहिए
 फंगल इन्फेक्शन  होने पर खान-पान का ध्यान नहीं रखा तो अच्छी से अच्छी दवा खा सकते हैं या क्रीम  लगा सकते हैं, लेकिन जब तक परहेज नहीं करेंगे, ठीक नहीं होगा।

और आपको इस बात का ध्यान सिर्फ खुजली में ही नहीं बल्कि अन्य बीमारियों में भी रखना है, लेकिन सिर्फ खुजली में ही क्यों, क्योंकि खुजली इतनी तेज होती है कि व्यक्ति न तो सो पाता है और न ही चैन से बैठ पाता है और उसे कोई परेशानी भी नहीं होती है। काम करने का मन भी नहीं करता

हमारा रक्त क्षारीय होता है और हमें अधिक से अधिक क्षारीय भोजन करना चाहिए, यदि हमारा रक्त अम्लीय हो जाता है तो खुजली की समस्या शुरू हो जाती है, यह खुजली का एक सबसे बड़ा कारण है।

 सबसे पहले हम बात करेंगे कि त्वचा संबंधी रोगों में कैसे खाना-पीना चाहिए।

फंगल इन्फेक्शन  होने पर कौन से फल नहीं खाना चाहिए
फंगल इन्फेक्शन  या त्वचा की समस्या होने पर अधिक खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा, कच्चा आम, आंवला नहीं खाना चाहिए।

फंगल इन्फेक्शन होने पर कौन सी सब्जियां नहीं खानी चाहिए
कुछ लोग अंडा मांस मछली का प्रयोग सब्जी के रूप में करते हैं, आपको इस प्रकार की सब्जी से बचना चाहिए। अरबी, कच्चा केला, बैंगन की सब्जी नहीं खानी चाहिए।

सलाद के रूप में टमाटर, प्याज, नींबू का प्रयोग न करें।

कुछ अन्य खाद्य पदार्थ जिन्हें नहीं खाना चाहिए

 बाजार में मिलने वाला पैकेज्ड फूड (बिस्किट, नमकीन) नहीं खाना चाहिए।

कोल्ड ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। शीतल पेय अम्लीय होते हैं।

खट्टे अचार जैसे नीबू का अचार, आम का अचार नहीं खाना चाहिए.

गुड़, चीनी, रसगुल्ला, बर्फी जैसे मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज करें

अधिक नमक और मिर्च मसाले वाले भोजन से भी बचना चाहिए।

दही खट्टा हो तो खाने से परहेज करें,फंगल इनफेक्शन  ठीक होने तक इसका सेवन न करें।

ऐसे पेय पदार्थों से भी बचना चाहिए जो शरीर में उत्तेजना पैदा करते हैं जैसे चाय, कॉफी आदि।

अब तक हमने आपको बताया कि खुजली होने पर कौन सा खाना खाना चाहिए और कौन सा नहीं खाना चाहिए।

अब हम बात करेंगे कि अगर आप फंगल इन्फेक्शन  से मुक्त हैं तो किन फलों और सब्जियों को अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए ताकि दोबारा फंगल इंफेक्शन की समस्या न हो।

कैंडिडा एक आम संक्रमण है, यह आपकी त्वचा, आंत और योनि में रहता है, इसलिए इसे रोकने के लिए कुछ एंटीफंगल खाद्य पदार्थ हैं। जो फंगल इंफेक्शन को रोकने में काफी मददगार साबित हो सकता है।

फंगल इन्फेक्शन में अधिक मीठा दूध न पियें
जब भी आप दूध पियें तो इस बात का ध्यान रखें कि दूध अधिक मात्रा में न हो, हल्का मीठा दूध ही पियें, क्योंकि दूध में लैक्टोज शुगर पाया जाता है और ज्यादा चीनी पीने से खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे फंगस लग जाता है। शरीर को अधिक भोजन मिलता है और यह तेजी से बढ़ने लगता है और फंगल इन्फेक्शन  और भी तेजी से बढ़ने लगता है इसलिए ज्यादा मीठा दूध न पिएं
खट्टा दूध न पियें

कुछ लोग  बाजार में  मिलने वाले दूध का भी इस्तेमाल करते हैं, ज्यादातर लोग डिब्बाबंद दूध का ही इस्तेमाल करते हैं, ज्यादा देर तक दुकान में रहने के कारण दूध कभी-कभी खट्टा हो जाता है और लोग खट्टा दूध इस्तेमाल करते हैं, अगर कोई समस्या हो तो खट्टा दूध इस्तेमाल कर सकते हैं. दूध का प्रयोग किया जा सकता है। दूध का प्रयोग न करें और पाउडर वाले दूध से परहेज करें क्योंकि इस प्रकार का दूध फंगल इन्फेक्शन  की समस्या में अधिक नुकसान कर सकता है और खट्टा दूध पीने से शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे खुजली की समस्या हो जाती है। है। कोशिश करें कि ताजा दूध ही इस्तेमाल करें
फंगल इन्फेक्शन होने पर बेहतरीन एंटी फंगल फूड न खाएं,

garlic

 Ginger

 Curd

Turmeric

garlic में एंटी-फंगल, एंटी-वायरल गुण होते हैं, यह कैंडिडा संक्रमण को रोकने के लिए बहुत प्रभावी है, आप इसे अपने भोजन की आवश्यकता के अनुसार उपयोग कर सकते हैं।

Ginger

 Ginger एक अच्छा एंटिफंगल माना जाता है और कैंडिडा अल्बिकन्स को रोकने में सहायक होता है। इसके नियमित सेवन से यीस्ट इंफेक्शन नहीं होता है।
 
Turmeric

 Turmeric एक बहुत अच्छा एंटीफंगल भी है। हल्दी का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही फंगल इंफेक्शन से बचाव के लिए किया जाता रहा है। अगर आप चाहते हैं कि फंगल इंफेक्शन न हो तो इसके लिए आपको हल्दी का सेवन करना चाहिए। हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है, जो यीस्ट को रोकने में काफी मदद करता है।

 Curd

Curd के हैं कई फायदे दही को सुपरफूड माना जाता है, दही में पाया जाने वाला लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया के संक्रमण को रोकने में मददगार होता है। और दही के नियमित सेवन से कैंडिडा संक्रमण से बचा जा सकता है।

फंगल इन्फेक्शन होने पर क्या खाना चाहिए,

अगर आप फंगल इन्फेक्शन  के संक्रमण से निजात पाना चाहते हैं तो फंगल इन्फेक्शन  में प्रोटीन युक्त भोजन करना चाहिए क्योंकि फंगस का मुख्य भोजन मीठा और वसायुक्त भोजन होता है। इसलिए अपनी डाइट में दालों को जरूर शामिल करें।
फंगल इन्फेक्शन में कौन सा फल खाना चाहिए
 हमें ऐसे फल खाने चाहिए जो अच्छे और पौष्टिक होते हैं जैसे केला, सेब, अन्य फल मौसम के अनुसार खाएं, केला और सेब बाजार में आसानी से मिल जाते हैं।

सब्जियों में आप मूली, पालक, गाजर, गोभी, आलू जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक से अधिक सेवन कर सकते हैं। आप खीरा, मूली और गाजर को सलाद के रूप में ले सकते हैं, ध्यान रहे कि मूली ज्यादा तीखी न हो.फंगल इन्फेक्शन  में चावल खाना चाहिए या नहीं? द फंगल इन्फेक्शन  में चावल खाना चाहिए या नहीं? दाद में हमें चावल नहीं खाना चाहिए क्योंकि चावल में काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। 

ज्यादा चावल खाने से शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, जिससे खून में शुगर की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है और इससे फंगस शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। जिससे फंगल इन्फेक्शन  और भी तेजी से फैलने लगता है,फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है और इसके लिए काफी दवाई भी खानी पड़ सकती है, इसके लिए आपको फंगल इन्फेक्शन में कम से कम चावल और इस तरह के कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए।फंगल इन्फेक्शन  होने पर चावल की जगह क्या खाएं इन चीजों से परहेज करें फंगल इन्फेक्शन  होने पर आप अपने खाने में चावल की जगह हरी सब्जियां और सलाद का इस्तेमाल कर सकते हैं और अगर आपको चावल खाना ही है तो मिठाई के साथ न खाएं क्योंकि इसमें बहुत सारी चीजें होती हैं। चावल में कार्बोहायड्रेट पाया जाता है और ऊपर से अगर आप इसे मीठे के साथ खाते हैं तो दोनों ही आपके लिए हानिकारक होंगे क्योंकि इससे शरीर में शुगर की मात्रा काफी बढ़ जाएगी इसलिए हरा सलाद ज्यादा से ज्यादा खाएं।

 फंगल इन्फेक्शन  में दूध पीना चाहिए या नहीं? कहा जाता है कि दूध में हर तरह के खनिज तत्व पाए जाते हैं और इससे पहले व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है. किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए दूध बहुत जरूरी होता है क्योंकि दूध पोस्टिक और स्ट्रांग होता है, इसलिए बाद में आप दूध का सेवन कर सकते हैं, लेकिन दूध पीते समय आपको कुछ सावधानियों का ध्यान रखना होगा, जैसे कि दूध न तो ज्यादा ठंडा पिएं और न ही ज्यादा गर्म, क्योंकि अगर आप ज्यादा गर्म दूध पिएं, इससे आपके शरीर में गर्मी बढ़ेगी और गर्मी बढ़ेगी। इससे आपके सिर में खुजली की समस्या हो जाएगी और आपके शरीर में फंगल इन्फेक्शन भी ठीक नहीं होगा इसलिए जब भी रात को पिए तो गर्म पानी ही पिए

बरसात में होने वाले दाद की दवा क्या है?

बरसात का मौसम आते ही हर तरफ हरियाली छा जाती है और सभी बारिश का आनंद लेने के लिए तैयार हो जाते हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए यही बारिश इंफेक्शन के लिए आती है कुछ लोगों को स्किन से जुड़ी बहुत सारी समस्या हो जाती है जैसे फुंसी घमौरिया फंगल इन्फेक्शन एलर्जी और भी तरह की अनेक परेशानियां होने लगते हैं इसलिए हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए बारिश के मौसम में कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए और इसलिए हमें इसके लिए पहले से तैयार रहना चाहिए ताकि इंफेक्शन होने से पहले ही हम अपने आप को सुरक्षित कर सके और बारिश के मौसम का भी आनंद ले सकें 

बरसात के मौसम में अधिकतर नमी होती  है और देखा जाता है कि लोग गीले कपड़े अधिकतर पहनते हैं क्योंकि बरसात के दिनों में कभी-कभी कई दिनों तक बारिश होने के कारण कपड़े सूख नहीं पाते जिसके चलते लोग अधिकतर गीले कपड़े पहनते हैं इस कारण गीले कपड़े निरंतर गीले कपड़े पहनने से
फंगस उत्पन्न हो जाती है  जो दाद का कारण बनती है कभी-कभी बहुत अधिक पसीना भी शरीर से निकलता है क्योंकि गर्मी बहुत अधिक होती है और प्राइवेट पार्ट में दाद की समस्या उत्पन्न हो जाती है इस प्रकार जो शरीर का हिस्सा कपड़े से ढका रहता है ऐसी जगह पर बहुत अधिक पसीना इकट्ठा होने की वजह से दाद उत्पन्न हो जाती है

अगर आपको बरसाती दाद हो गई है  तो इसका इलाज बहुत अच्छे से पता होना चाहिए नहीं तो फिर इस प्रकार की दाद काफी दिनों तक रह सकती हैं इसलिए आपको बरसाती दाद को ठीक करने के लिए क्रीम या मलहम का प्रयोग करना चाहिए दाद  को ठीक करने के लिए तेल अधिक नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इस मौसम में शरीर से बहुत अधिक पसीना निकलता रहता है और जिसके कारण तेल जल्दी ही पसीने के द्वारा साफ हो जाता हैं इसलिए आप बरसाती दाद को ठीक करने के लिए   cream का ज्यादा प्रयोग करें क्योंकि क्रीम थोड़ा गाढ़ा होता है और इसलिए शरीर पर बहुत देर तक तक टिक सकता है जिससे दाद बहुत जल्दी ठीक हो जाता है और उसके साथ-साथ इट्राकोनाजोल, कैप्सूल भी साथ-साथ दवाई के रूप में ले सकते हैं इससे दाद बहुत ही जल्दी ठीक हो जायेगा  
बरसात की दाद से बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जिससे आप  की  दाद की समस्या ठीक हो सकती हैं
हो सके तो सूती कपड़े पहनें जिससे आपके शरीर से अधिक मात्रा में निकलने वाला पसीना कपड़ों में ही सुख  जाए
किसी एंटीफंगल पाउडर का प्रयोग करें इससे दाद  उत्पन्न नहीं होगी और इसके अलावा खुजली भी नहीं होगी
जितना हो सके सूखे कपड़े पहने,अपनी इम्युनिटी को बनाए रखें 

दाद की दवा कौन-कौन सी है

 बहुत सारी दवाइयां है 

दाद की सबसे अच्छी दवा कौन सी है

दाद की सबसे अच्छी क्रीम कैंडिड क्रीम इच गार्ड क्रीम  रिंग गार्ड क्रीम है खाने वाली दवा में तो इट्राकोनाजोल बेस्ट दवा है

दाद में चावल खाना चाहिए या नही
बहुत कम कम मात्रा में

दाद में चाय पीना चाहिए या नहीं

अधिक मात्रा में चाय पीना नुकसानदेह हो सकता हैै

दाद खाज खुजली किसकी कमी से होता है?
अनेक कारण

दाद खुजली कैसे सही होगा?
सही इलाज से

क्या एंटीफंगल क्रीम से दाद खराब हो रहा है
हां, ऐसी क्रीम जो एंटी फंगल के साथ स्टेरॉइड युक्त है तो ऐसी क्रीम से दाद खराब हो जाता है अगर उसका अधिक मात्रा में प्रयोग किया गया तो

दाद खुजली होने के क्या कारण है?
फंगस

दाद खाज खुजली को कैसे जड़ से खत्म करें?
बेहतर उपचार से

खुजली का साबुन कौन सा है?
टेटमोसोल साबुन

शरीर में खुजली कौन सी विटामिन की कमी से होती है?
विटामिन डी

बहुत ज्यादा खुजली हो तो क्या करें?
एंटी हिस्टामाइन दवा ले

शरीर में खुजली होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?
खट्टी चीजें

पूरे शरीर में खुजली होने पर क्या करना चाहिए?
मेडिसन ले

शरीर में खुजली होने पर कौन सा तेल लगाना चाहिए?
नारियल का तेल

खुजली के लिए कौन सा क्रीम अच्छा है?
टरबीनाफाइन

क्या पीने से खुजली ठीक हो जाती है?
एटांसिड पीने से



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट