कोलगेट से बवासीर का इलाज।bawaseer ke liye kya karna chahie
कोलगेट से बवासीर का इलाज सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ कोलगेट से दांतों की साफ-सफाई तो चलो सही था लेकिन कोलगेट से बवासीर का इलाज कुछ समझ नहीं आता आखिर कोलगेट में ऐसा क्या है जिससे यह बवासीर ठीक कर सकता है
अगर यह बात सच है तो यह कोलगेट कंपनी के लिए बड़ी बात है एक ओर जहां लोग महंगी-मंहगी दवा खा रहे है फिर भी उनका बवासीर ठीक होने का नाम नहीं ले रहा और कुछ लोग सिर्फ कोलगेट से बवासीर का इलाज कर रहे है जबकि सच्चाई तो यह है कि कोलगेट से बवासीर का इलाज नहीं हो सकता, इसलिए आप ऐसे प्रयोग करने से बचे,क्योंकि ऐसा करने से आपको कुछ हासिल नहीं होने वाला है।आप इसके लिए आयुर्वेदिक दवाओं का सहारा ले जो बवासीर के इलाज में बहुत अच्छा परिणाम देगीं
कोलगेट से बवासीर का इलाज ना करें
अगर आपको बवासीर की बीमारी है तो इसके इलाज के लिए आप कोलगेट से बढ़िया इलाज का चयन कर सकते हैं क्योंकि अगर किसी व्यक्ति को कोई रोग होता है तभी वह इसके इलाज के लिए अच्छी दवा ढूंढता है और अच्छी दवा बवासीर की भी बहुत है आप इनमें से कोई सी की दवा को यूज कर सकते हैं हम आपके लिए कुछ दवाई बताने जा रहे हैं जो शायद आपके बवासीर को जल्द से जल्द ठीक कर दे
हम यहां पर कुछ आयुर्वेदिक दवा के बारे में बात करेंगे जोकि बेहतर कंपनियों के द्वारा बनाई गई हैं जैसे हिमालय कंपनी, पतंजलि कंपनी, और वैद्यनाथ कंपनी की ओर से बनाई गई हैं अगर आप इन दोनों का इस्तेमाल कर सकते हैं तो निश्चित रूप से आपका बवासीर जल्दी ठीक हो जाए
वैद्यनाथ बवासीर की दवा
सबसे पहले हम वैघनाथ की ओर से आने वाली दवाई sidpiles के बारे में बात करेंगे जैसा कि आप लोग जानते होंगे बैद्यनाथ कंपनी आयुर्वेदिक दवा से बीमारियों का इलाज करती हैं और sidpiles भी एक आयुर्वेदिक दवा है जिसमें आपको बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधियां मिलेंगे जो एक खास अनुपात में मिलाकर बनाई गई हैं और यह दवा आपके बवासीर को ठीक करने में बहुत ही मददगार सिद्ध होगी
इस में उपयोग होने वाली सामग्री
खाश (सुगंधावाला),बकायन मगज, कहरवा पिष्टी, कुटकी, खुनखरबा (लालबोल) हीराबोल, बहेड़ा छिल्का, हरड़ बड़ी (हरितकी) आंवला काली, स्फटिक भस्म, नागकेशर, रसोंत, सूरन, जामिन कांडा (सुखा),निम्बोल
खुराक लेने का तरीके
आयुर्वेदिक दवा को लेना बहुत ही आसान होता है क्योंकि लगभग जितनी भी आयुर्वेदिक दवाई होती हैं उनमें से ज्यादा दवा पर उनके लेने का तरीका और उन्हें कितनी मात्रा में लेना है यह लिखा होता है ऐसे ही sidpiles पर भी आपको ऐसे ही देखने को मिलेगा आप इसकी फोटो देखकर समझ सकते हैं कि आपको या दवाई कैसे और कितनी मात्रा में लेनी है
हिमालय बवासीर की दवा
बवासीर के इलाज में एक अच्छी दवा जो हिमालय कंपनी की ओर से बनाई गई है हिमालय कंपनी भी एक दवा कंपनी है जो विभिन्न रोगों के उपचार के लिए दवाइयां और अन्य स्वास्थ्य उत्पाद का निर्माण करती है हिमालय कंपनी की और जानेवाली हिमालय पाइल्स आपके बवासीर में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी आप इसका यूज कर कर देख सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं
पतंजलि बवासीर की दवा।
अगर बात करें हम बवासीर के इलाज की तो फिर पतंजलि कैसे पीछे हट सकता है पतंजलि में भी इसके लिए अनेक प्रकार की दवाई उपलब्ध है चाहे वह घरेलू आयुर्वेदिक और चाहे कोई घरेलू नुस्खा और फिर योग के द्वारा भी बवासीर को बाबा रामदेव के द्वारा ठीक करने के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं हां वह बात अलग है के इन से कुछ लोगों को आराम नहीं होता लेकिन जब किसी तक किसी चीज को आजमाया नहीं जाता तब तक उसके बारे में कुछ गलत नहीं कहा जा सकता अगर आपको भी बवासीर काफी ज्यादा परेशान कर रही है तो आप बाबा रामदेव के द्वारा बताए की दवा उपयोग कर सकते है
बवासीर की दवा पतंजलि में क्या है, अगर देखा जाए तो अर्शकल्प वटी बवासीर के लिए इस्तेमाल होने वाली एक बहुत अच्छी दवाई है और यह दवाई बवासीर के इलाज में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होती है इस बात का जिक्र कई बार बाबा रामदेव ने स्वयं किया है इस वीडियो में देख सकते हैं इसके इसके साथ साथ आप पतंजलि त्रिफला चूर्ण का भी यूज कर सकते हैं जो आपके बवासीर में बहुत ज्यादा फायदा पहुंचाएगा त्रिफला लेने से पेट आसानी से साफ होता है और यह पेट में कब्ज भी नहीं बनने देता इसलिए कब्ज को रोकने में त्रिफला चूर्ण बहुत ही महत्वपूर्ण है
दूध से बवासीर का इलाज व नींबू से बवासीर का इलाज
दूध से और नींबू से बवासीर का इलाज करने के लिए आपको यह घरेलू उपाय करना चाहिए इससे आपका बवासीर बाबा रामदेव के अनुसार बिल्कुल ठीक हो जाएगा और अगर आपका बवासीर कुछ भी नहीं ठीक होता है तो आप आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज करें
बवासीर क्यों होता हैं इसके कारण क्या हैं ( bavasir kyon hota hai)
बवासीर होने की अधिक संभावना ऐसे व्यक्तियों में अधिक होती है जिनका पेट लगातार खराब रहता है और जिन्हें बहुत ज्यादा कब्ज की समस्या बनी रहती है और लगातार कब्ज रहने से बवासीर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है कब्ज़ के अलावा भी बवासीर रोग होने के कई कारण है
कुछ अन्य कारण
जो मल त्याग के दौरान अधिक जोर लगाते है
,लंबे समय तक शौचालय में बैठे रहते है,
ऐसे खाद्य पदार्थ का ज्यादा सेवन जिनमें फाइबर कम हो,
50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को,
गर्भवती महिलाओं में,
भारी सामान उठाने वाले या घंटो तक एक ही जगह पर बैठकर या खड़े होकर काम करने से बवासीर होने की अधिक संभावना होती है
बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं
बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं इसको जानना बहुत जरूरी होता है अगर आप बवासीर रोग से पीड़ित हैं तो, हमारे भारत और दुनिया में बहुत ज्यादा मात्रा में चावल खाया जाता हैं और बवासीर का रोग भी बहुत लोगों को है ऐसे में चावल कैसे खाएं और कितना खाएं यह जानना बहुत जरूरी है क्योंकि बवासीर में कब्ज बहुत ज्यादा होती है बवासीर को ठीक करना है तो कब्ज को पहले ठीक करना होगा और कब्ज को ठीक करने के लिए आपको अपने खान-पान में सुधार करना होगा आपको ऐसी चीजें खानी होंगी जो कब्ज को रोकने में सहायक होती है
चावल कब्ज करता हैं अगर आप चावल को ठीक ढंग से और संतुलित मात्रा में खाते हैं तो आपको इससे कोई नुकसान नहीं होगा और अगर संतुलित मात्रा में नहीं खाते तो आप कब्ज की समस्या को जन्म दे सकते हैं जिसके कारण आपकी बवासीर ठीक होने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो सकती हैं अगर आप चावल को मीठी वस्तु के साथ खाते हैं तो आप यह समझ ले कि आप फाइबर मुक्त खाना खा रहे हैं और अगर आप चावल को हरी सब्जी के साथ खा रहे हैं तो आप यह समझे कि आप फाइबर युक्त खाना खा रहे हैं फाइबर का मतलब रेशे वाला भोजन जिसके कारण हमारा मल आसानी से बाहर निकलता हैं और यही स्थिति चावल के साथ देखने को मिलती है चावल में बहुत कम मात्रा में फाइबर होता है और या यूं कहें कि लगभग होता ही नहीं है लेकिन आज भिन्न भिन्न प्रकार के चावल देखने को मिलते हैं और बहुत सी ऐसी किस्में होती है चावल की जिनमें बहुत कम मात्रा में है या थोड़ा बहुत फाइबर देखने को मिलता है अगर विकिपीडिया के अनुसार देखें तो लंबे चावलों में लगभग 100 ग्राम चावल में 0.0 4 ग्राम फाइबर होता है जो कि बहुत ही कम होता है और यही कारण होता है कि बवासीर जैसे रोग में चावल को खाने की सलाह नहीं दी जाती हां थोड़ा बहुत चावल जरूर खा सकते हैं लेकिन अधिक मात्रा में अधिक मात्रा में चावल का सेवन नहीं करना चाहिए और अगर चावल का सेवन करना ही है तो फिर चावल का सेवन हरी पत्तेदार सब्जियां जो होती हैं उनके साथ करना चाहिए क्योंकि हरी सब्जियां फाइबर की उच्च स्त्रोत होती है और इन में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है जैसे गोभी की सब्जी भिंडी की सब्जी लौकी की सब्जी ऐसी सब्जी होती हैं जिनमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है इस तरह अगर आप उच्च फाइबर युक्त सब्जियों के साथ चावल का सेवन करते हैं तो आपको कब्ज की समस्या नहीं रहेगी और आपको बवासीर में भी आराम मिलेगा
बवासीर में ईसबगोल के फायदे क्या है
बवासीर में ईसबगोल के बहुत फायदे हैं इसबगोल का मतलब ईसबगोल की भूसी जो कि इसके बीज का छिलका होता है ईसबगोल कब्ज के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है अगर किसी व्यक्ति को बवासीर नहीं भी है तो भी उसे इसबगोल का प्रयोग करना चाहिए ज्यादा नहीं तो हफ्ते में एक से दो बार, क्योंकि इसबगोल में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है और बिना फाइबर के हमारे पेट में कब्ज बनने लगती है और जिन लोगों को बवासीर रोग पहले से ही है उन लोगों को ईसबगोल का सेवन करने से बहुत फायदा होगा इसके सेवन की बात करें तो ईसबगोल की भूसी का सेवन अधिकतर रात के समय किया जाता है और रात के समय प्रयोग करना ज्यादा लाभकारी होता है
बवासीर में chicken खाना चाहिए या नहीं
बवासीर में केले के फायदे क्या हैं
बवासीर में बादाम खाना चाहिए या नहीं
बवासीर में चाय पीनी चाहिए या नहीं?
बवासीर में चाय पीनी चाहिए या नहीं? चाय कभी-कभी नुकसान देती हैं चाय पेट में कब्ज करती है जिसके कारण मल त्यागने में बहुत समस्या होती है और यह बवासीर को जल्दी से ठीक नहीं होने देती, बवासीर मैं कब्ज को रोकना बहुत जरूरी होता है और अगर आप चाय अधिक पीते हैं तो आपको कब्ज जैसी परेशानी देखने को मिलेंगी अगर आप चाहते हैं कि आपकी बवासीर जल्द से जल्द ठीक हो जाए तो आपको चाय नही पीनी चाहिए
बवासीर में गर्म पानी पीने के फायदे
बवासीर में गर्म पानी पीने के क्या फायदे होते हैं कुछ लोगों को लगता है कि बवासीर में गर्म पानी पीने से बहुत फायदा होता है लेकिन यह धारणा बहुत गलत होती है क्योंकि गर्म पानी से कोई फायदा नहीं होता है और इसमें रेशे नहीं होते हैं यह सामान्य पानी की तरह होता हैं कभी-कभी ऐसा लगता है कि गर्म पानी पीने से कब्ज की समस्या नहीं बनेगी लेकिन ऐसा नहीं है अगर आप गर्म पानी की जगह ठंडा पानी या फिर गुनगुने पानी का भी सेवन करते हैं तो यह कब्ज की समस्या में लाभदायक होता है लेकिन गरम पानी पीने से ज्यादा फायदा होगा ऐसा नहीं होता क्योंकि जब हम गर्म पानी पीते हैं तो आधे से ज्यादा पानी हमारे मुंह में ही ठंडा हो जाता है और इस तरह वह हमारे पेट में गुनगुने पानी की तरह ही काम करता है इसलिए आप गर्म पानी की जगह गुनगुने पानी का ही सेवन करें तो आपको बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे
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