डिटॉल और कोलगेट से दाद का इलाज कैसे करें।

 कोलगेट से दाद का इलाज कैसे करें आज आपको कोलगेट से दाद का इलाज करने के बारे में पूरी जानकारी देंगे ताकि  कोई कंफ्यूजन ना हो और आप इस बात को अच्छे से समझ जाएं कि दाद का इलाज कैसे किया जाता है दाद में खानपान

कोलगेट से दाद का इलाज 

कोलगेट एक विश्वसनीय अमेरिकी ब्रांड है जो दंत उत्पादों का निर्माण करता है। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में स्थित है।कोलगेट कंपनी की स्थापना 1806 में अमेरिका में हुई थी। इसके संस्थापक विलियम कोलगेट थे। यह कंपनी टूथपेस्ट, माउथवॉश, साबुन, शैंपू, शिशु उत्पाद और कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी उत्पाद बनाती है। कोलगेट ब्रांड की गुणवत्ता और समर्पण को देखते हुए यह अपने उत्पादों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।

कोलगेट से दाद का इलाज

कोलगेट एक टूथपेस्ट है और इसका दाद जैसी त्वचा की समस्याओं से कोई सीधा संबंध नहीं है।

दाद को ठीक करने के लिए आप इन उपायों का प्रयोग कर सकते हैं

स्किन डॉक्टर से सलाह लें और उनकी सलाह के अनुसार ही दवाओं का इस्तेमाल करें।

नम और गीली जगहों से बचें।

सफेद कपड़ों का प्रयोग करें और उन्हें नियमित अंतराल पर धोते रहें।

स्वस्थ आहार लें जिससे आपकी त्वचा स्वस्थ रहे।

अपने शरीर को साफ रखें और नियमित रूप से स्नान करें।

अपने कपड़ों, तौलियों और चादरों को नियमित रूप से धोएं और सुखाएं।

इन उपायों के अलावा आप एंटीफंगल क्रीम का  इस्तेमाल कर सकते हैं जो दाद के इलाज में मदद कर सकते हैं। लेकिन बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लें और उनके निर्देशों का पालन करें। 

अगर फिर भी आप कोलगेट से दाद का इलाज करना चाहते हैं तो यह उपाय आप कर सकते हैं

कोलगेट से दाद का इलाज करने के लिए सबसे पहले कोलगेट में थोड़ा तरल डेटोल मिला लीजिए और इसे अपने दाद वाली जगह पर दिन में कई बार लगाना होगा इससेे  फंगल इन्फेक्शन ठीक हो जायेगा 

कोलगेट  से दाद का इलाज ना करे

कोलगेट से दाद का इलाज  सही या गलत

कोलगेट से दाद का इलाज सही या गलत इस बारे में आपको भी जान लेना चाहिए क्योंकि यूट्यूब पर बहुत सी विडियो में  बताया गया है कोलगेट से दाद का इलाज किया जा सकता है लेकिन कोलगेट से दाद का इलाज करने के लिए आपको एक  बात जान लेनी चाहिए कि यूट्यूब पर एक वीडियो को देखने के बाद बहुत से यूट्यूबर ने विडियो बनायी कोलगेट और डेटोल से दाद का इलाज किया जा सकता है इस तरह से कोलगेट और दाद का इलाज का प्रचार शुरू हो गया और उसके बाद बहुत से यूट्यूबर  और ब्लॉगर ने इस पर वीडियो बनाए और पोस्ट लिखी और बताया कि कोलगेट से दाद का इलाज किया जा सकता है मगर क्या यह ठीक है और क्या इस तरह से दाद का इलाज किया जा सकता हैं तो इसका उत्तर होगा हां भी और नहीं भी क्योंकि कभी-कभी बहुत इस तरह के उपाय करने से दाद ठिक भी हो जाता है और नहीं भी होता है लेकिन पूर्ण रूप से ज्यादा कोई स्पेशल दवा नहीं है हमने डेटोल की पूरी तरह से पड़ताल की और उसमें कहीं पर भी यह नहीं लिखा है कि आप  इसे दाद  पर यूज कर सकते हैं और डेटोल बिमारी को होने से पहले रोकता है और त्वचा, की हमारी रक्षा करता है ना की बीमारियों को ठीक करता है अगर आप इस बात को जानते होंगे और समझते हैं तो ठीक है 

कोलगेट से दाद के इलाज की खोज

कोलगेट से दाद के इलाज की खोज लोगों का जब दाद किसी भी तरह से ठीक नहीं हो रहा था तो लोगों ने इसके लिए अलग अलग तरीके आजमाना शुरू कर दिया और ऐसे ऐसे नुस्खे इजाद किए जो फंगल इन्फेक्शन को
ठीक करने में प्रयोग होने लगे उसी में से एक यह भी प्रयोग था कोलगेट और डेटॉल का मिश्रण और ऐसा इसलिए भी क्योंकि डेटॉल और कोलगेट हमारे सभी के घरों पर आसानी से मिल जाता है

कोलगेट का मुख्य काम  

कोलगेट का मुख्य काम दांतो की साफ सफाई रखना है और कोलगेट क्षारीय होता है अम्ल के कारण हमारे दातों को होने वाले नुकसान से भी बचाता है

डेटाल का मुख्य काम

ऐसा कौन व्यक्ति होगा जिसने टीवी पर डेटॉल का ऐड ना देखा हो, उसमें कहा जाता है कि कि अगर आप डेटॉल का प्रयोग दैनिक नहाने में करते हैं तो आप सौ बीमारी से सुरक्षित  रहेंगे और इसी में आपकी दाद की बीमारी भी आती है और एक बात एड में कहा जाता है कि आप बीमारी होने से पहले डेटॉल का यूज करें ना कि बीमारी होने के बाद ।ऐसा हमें कहीं पर भी लिखा नहीं पाया कि डिटॉल से दाद का इलाज (dettol se daad ka ilaj) होता है। हां यह बात सही है अगर आप डिटॉल का प्रयोग दैनिक स्नान में करते हैं तो डेटॉल से खुजली को रोका जा सकता है कुछ लोग  केवल लिक्विड डेटॉल को दाद पर इस्तेमाल करते है उन्हें लगता है की ऐसा करने से दाद ठीक हो जाएगा,इस तरह डेटॉल को दाद पर लगाने से जलन होती है आप चाहे तो इसे यूज करके देख सकते है,रही बात कम्पनी की अगर ऐसा होता तो डेटॉल कम्पनी अपने ऐड में ऐसा जरुर कहती, लेकिन ऐसा कुछ भी नही है। डेटॉल के फायदे और नुकसान

 तो क्या कोलगेट से दाद का इलाज ना करे

हमारा काम आपको  सही जानकारी और सलाह देने का है इस पर कुछ करना या न करना वह आपकी अपनी समझ है हमें जो सही लगा वह आपको बताया कोलगेट के बारे में और इससे इलाज के बारे में इसके बाद भी अगर आप इससे इलाज करना चाहते हैं आपकी समझ और सोच पर निर्भर करता है अगर आपको  लगता कि कोलगेट से इलाज सही है तो आप कर सकते हैं और अगर नहीं तो आपकी मर्जी


सुझाव

 उम्मीद है कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपको कोलगेट से दाद का इलाज के बारे में सभी महत्वपूर्ण बातें पता लगी होगी अगर इस नुस्खे से आप को आराम नहीं होता है तो आप हमारी और भी पोस्ट पढ़ सकते हैं जिसमें आपको दाद के इलाज के बारे में और अच्छे से और बढ़िया क्रीम और दवा के बारे में बताया गया है

दाद की और भी महत्वपूर्ण जानकारी

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रिंगवर्म को जड़ से खत्म कैसे करें, रिंगवर्म की सबसे अच्छी क्रीम कौन सी है।  रिंगवर्म बहुत ही सामान्य है रिंगवर्म एक ऐसा त्वचा रोग जिससे  काफी  लोग  परेशान है। वैसे तो फंंगस के द्वारा सबसे आम दाद होता है और इसी को अधिकतर रिंगवर्म  कहा जाता है अगर कोई अमुक व्यक्ति कहता है कि उसे रिंगवर्म  है तो यहां पर कोई व्यक्ति यही अंदाजा  लगाता है कि दाद की समस्या है। इसके अन्य नाम में हम इसे कवक संक्रमण या फिर फफूंदीय संक्रमण भी कहते हैं कवक हमारे साथ हमेशा मौजूद रहते हैं और हमारे शरीर के अंदर सामान्य रूप से भी पाए जाते हैं और जब यह हमारे शरीर में अधिक मात्रा में हो जाते हैं तो यह कभी-कभी फंगल इन्फेक्शन का कारण बन जाते हैं

स्टेरॉइड  क्रीम दाद में कैसे यूज करें 

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 उम्मीद है कि अभी तक आपने रिंगवर्म का अर्थ अच्छे से समझ जरूर आया होगा और अब हम आपको दाद जिसे  रिंगवर्म भी कहा जाता है के बारे में बताइए

कोलगेट से दाद का इलाज


 दाद के कारण व उपचार   

रिंगवर्म शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है और शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है 

 रिंगवर्म वैसे तो कोई बड़ी बीमारी नहीं है लेकिन जब इस बीमारी को गंभीरता से ना लेते हुए लापरवाही की जाती है और इसका इलाज अच्छे से नहीं किया जाता तो फिर यह एक भयंकर धारण कर लेती है फंगल इन्फेक्शन अर्थात कवक संक्रमण दाद के के रूप में शरीर के विभिन्न विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है शरीर के विभिन्न हिस्सों  पर होने के कारण ही इससे विभिन्न नाम से पुकारा जाता है 

दाद कितने प्रकार के होते है

एथलीट फुट

रिंगवर्म जब किसी व्यक्ति के पैरों की उंगलियों के बीच में होता है तो इस प्रकार के रिंगवर्म को एथलीट फुट या टिनिया पेडिस कहा जाता है जो लोग अधिकतर सारा दिन जूते पहनते हैं और या फिर अधिकतर अपना ज्यादातर समय पानी में बिताते हैं उन लोगों में एथलीट फुट की समस्या ज्यादा देखने को मिलते हैं या फिर जो लोग ज्यादा खुले पैर घूमते रहते हैं
और ऐसे व्यक्ति भी जो अधिकतर भागदौड़ का काम करते हैं और इसीलिए इसे एथलीट फुट जाता है

जॉक इच

इस प्रकार की दाद की समस्या अधिकतर जांघों के बीच में होती है अर्थात प्राइवेट पार्ट में होने वाली फंगल इन्फेक्शन को  कह जाता है इस तरह की दाद की समस्या अधिकतर ऐसे  लोगों में देखने को मिलती है जो बहुत ही तंग कपड़े पहनते हैं और अधिकतर प्राइवेट पार्ट में पसीने के कारण इस तरह की दाद हो जाती है कुछ लोग नहाने  के बाद में बिना शरीर को अच्छे से सुखाये जल्दी जल्दी में कपड़े पहनते हैं और इस कारण शरीर में नमी रह जाती है जिससे  गीले कपड़ों से फंगस हो जाती है  और यह एक फंगल संक्रमण का कारण बनती हैं

 नाखून में दाद

  रिंगवर्म नाखूनों को भी प्रभावित करते हैं और नाखूनों में  रिंगवर्म जब हो जाते हैं तो उससे भी
एक अलग नाम दिया जाता है ओनिकोमाइकोसिस कहा जाता है और अधिकतर इस प्रकार का फंगल इन्फेक्शन बहुत लोगों में देखने को मिलता है इस प्रकार का रिंगवर्म टाइकोफाइटन, कवकों प्रजाति से होता है

टीनिया कैपिटिस

जब किसी व्यक्ति को फंगल इन्फेक्शन सिर में होता है तो इस प्रकार के फंगल इन्फेक्शन को टीनिया कैपिटिस बोला जाता है इसमें व्यक्ति के से सिर से बाल झड़ जाते हैं और व्यक्ति गंजा हो जाता है और इससे गंजेपन की समस्या भी हो जाती हैं

तो यह थे फंगल इंफेक्शन या रिंगवर्म के प्रकार जो अलग अलग नाम से जाने जाते हैं मगर यह सभी  दाद ही हैं

दाद के लक्षण 

फंगल इंफेक्शन का सबसे बड़ा लक्षण यह है कि यह गोल गोल सा दिखाई देता है और उसमें लालिमा भी होती है। अर्थात अगर किसी व्यक्ति को फंगल इन्फेक्शन है और  उसमें खुजली होती है तो उसे हम फंगल इन्फेक्शन कह सकते हैं दाद में एग्जिमा सोरायसिस से कम  खुजली होती है एग्जिमा सोरायसिस में लगातार खुजली होती रहती है लेकिन फंगल इन्फेक्शन में थोड़ी कम खुजली होती है और यह गोल रूप में ही आगे बढ़ता हैं और इसीलिए इसे रिंगवर्म भी बोला जाता है और अगर  किसी व्यक्ति के शरीर पर तेज खुजली होती है और वह त्वचा रोग गोल रूप में  आगे नहीं बढ़ता तो  हो सकता है कि वह फंगल इन्फेक्शन ना हो ऐसे में वह एग्जिमा या सोरायसिस  रोग हो सकता है

 रिंगवर्म  का उपचार

  रिंगवर्म का इलाज क्या है और इसका इलाज कैसे किया जाए तो इसका इलाज व्यक्ति पर निर्भर करता है इसका इलाज दो तरीके से किया जाता है एक व्यक्ति खुद से इसका इलाज करें और दूसरा किसी चिकित्सक से अपना इलाज कराएं  फंगल इन्फेक्शन को अगर व्यक्ति अच्छे से इसके बारे में जानता है और अच्छे से इसका परहेज करता है और कुछ क्रीम का प्रयोग करता है तो फंगल इन्फेक्शन का इलाज  खुद ही कर सकता है लेकिन अगर वह इसके बारे में कुछ भी नहीं जानता और उसे इसका बिल्कुल भी ज्ञान नहीं तो वह डॉक्टर की सलाह से इसका इलाज कर सकते हैं तो यह  व्यक्ति की अपनी खुद की समझ है कि वह  इसका इलाज कैसे करना चाहता है 
अगर कोई खुद से इलाज करना चाहता है तो उसके लिए कुछ क्रीम आपको बाजार में मिल जाते हैं अगर आप उनका प्रयोग करते हैं तो फंगल इनफेक्शन ठीक हो सकता है इलाज करते समय एक बात का विशेष ध्यान रखें के स्टेरॉइड क्रीम का प्रयोग ना करें और अगर करना भी हो तो अल्प समय के लिए ही प्रयोग करें

 रिंगवर्म के घरेलू उपाय

फंगल इन्फेक्शन का इलाज खुद से किया जाए इसके लिए चाहिए घर पर एक नारियल का तेल जरूर रखें और इसे दिन में तीन से चार बार फंगल इनफेक्शन पर लगाते रहेंगे इससे फंगल इन्फेक्शन में खुजली नहीं होगी और फंगल इंफेक्शन भी ठीक हो जाएगा यह सबसे बढ़िया कारगर उपाय हैं घरेलू उपचार का लेकिन इसके साथ 
अगर रोग ठीक नहीं होता तो कुछ क्रीम का भी प्रयोग करना चाहिए

 रिंगवर्म का होम्योपैथी इलाज

 रिंगवर्म  का होम्योपैथिक उपचार आपको दर्जनों दवाई होम्योपैथी में मिल जाएंगी जो फंगल इन्फेक्शन को ठीक कर देगी लेकिन आप सभी का यूज मत करें आप एक बढ़िया सी कोई मेडिसिन ले सकते हैं जो फंगल इन्फेक्शन में ठीक-ठाक काम कर देगी इसके लिए जो बेस्ट मेडिसिन आती है वह है टेल्यूरियम।
 
टेल्लूरियम आपको 30 पावर में लेनी होगी और इस दवा की सुबह, शाम, दोपहर को  4 से 5 बूंद आधा कप पानी में डालकर खाना खाने से पहले खाली पेट लेनी होगी और दवा को आपको लगभग 2 से 3 सप्ताह लेना होगा
इससे आपका फंगल इन्फेक्शन समाप्त हो जाएगा 

 रिंगवर्म का अंग्रेजी इलाज

फंगल इंफेक्शन का अंग्रेजी उपचार  जरूरी होता है क्योंकि अगर होम्योपैथिक दवाएं और घरेलू उपचार काम नहीं करते तो इस कंडीशन में अंग्रेजों के उपचार किया जाता है अगर फंगल इन्फेक्शन बिल्कुल नया है और अभी 2 से 4 दिन का ही हुआ है तो इस कंडीशन में आप रिंग गार्ड क्रीम का यूज कर सकते हैं  5 से 7 दिन में ही आपके फंगल इन्फेक्शन को बिल्कुल साफ कर देता है रिंग गार्ड क्रीम एक एंटी बैक्टीरियल एंटी फंगल क्रीम है जो त्वचा में होने वाली खुजली और फंगल इंफेक्शन को ठीक करती हैं  

 क्वेश्चन और आंसर 

दाद कितने दिनों में ठीक होता है। 

अगर आप इसका जवाब जानना चाहते है तो इसका  सीधा सा उत्तर यह है कि जिस दिन से आप ये निश्चय कर लेते है तो उसी दिन से दाद ठीक होने लगता है लेकिन अगर ऐसे ही मजाक में दाद को ले लेते है और ढंग से इसका इलाज नहीं करते तो इस रोग को ठीक होने में दिन नहीं बल्कि दिनोंं का समय लगेगा। और ऐसा काफी लोगो के साथ देखने को मिला है दाद होने पर दवाई, क्रीम तो सभी लेते है लेकिन सभी का दाद ठीक नहीं होता कारण बस यही होता है कि ऐसे लोग निश्चय करके उपचार नहीं करते अगर आप नियमित रूप से दाद का इलाज करते है तो फंगल इन्फेक्शन 7 से 8 दिन में पूरा ठीक हो जाता है।

चेहरे पर दाद की दवा क्या है?

चेहरे पर रिंगवर्म  की दवा। चेहरे पर फंगल इन्फेक्शन होना एक निराशाजनक है क्योंकि व्यक्ति की सुंदरता उसके चेहरे से होती है और हर व्यक्ति चाहता है कि उसका चेहरा सुंदर और स्वस्थ बना रहे ऐसे में चेहरे पर फंगल इंफेक्शन हो ना बहुत खराब लगता है आप इसे किसी से छुपा भी नहीं सकते और दिखाने में थोड़ी शर्म महसूस होती है अक्सर देखा जाता है कि जब किसी व्यक्ति को चेहरे पर फंगल इंफेक्शन हो जाता है तो व्यक्ति अपने आसपास किसी से जल्दी से मिलता भी नहीं क्योंकि उसे उनसे मिलने में थोड़ी हिचक महसूस होने लगती है और वह फंगल इंफेक्शन को सबसे छिपाने की कोशिश करता रहता है इस पोस्ट में हम आपको कुछ ऐसी दवाई के बारे में बताएंगे जिससे आपको इस तरह की परेशानी नहीं होगी और आपका फंगल इन्फेक्शन भी ठीक हो जाएगा


अगर आपके चेहरे पर फंगल इनफेक्शन या दाद हो गया है तो आपको इसको ठीक करने के लिए क्रीम और दवा दोनों का ही प्रयोग करना चाहिए अर्थात क्रीम को इस पर लगाना चाहिए और दवा भी जरूर खानी चाहिए क्योंकि इससे जल्दी आराम होता है लेकिन अगर आपका मिलना जुलना बहुत लोगों से है और आप शादी वगैरह में भी बहुत ज्यादा जाते हैं तो इस कंडीशन में आप  को स्टेरॉइड क्रीम यूज़ करना चाहिए स्टेरॉइड क्रीम  फंगल इन्फेक्शन पर आमतौर पर यूज करने की सलाह कभी भी डॉक्टर के द्वारा नहीं दी जाती क्योंकि स्टेरॉइड क्रीम फंगल इन्फेक्शन को ठीक नहीं करता लेकिन चेहरे पर फंगल इन्फेक्शन होने की वजह से स्टेरॉइड क्रीम का उपयोग किया जा सकता है

स्टेरॉइड क्रीम दाद को छुपा देता है जिससे दाद किसी को जल्दी से नहीं दिखाई देता लेकिन यह स्किन में मौजूद रहता है। इस तरह आप दाद छुपा सकते हैं जिससे किसी को भी यह  दिखाई नहीं देगा लेकिन आपको एंटी फंगल क्रीम और दवा दोनों लेते रहना पड़ेगा जब तक की  अंदर से ठीक ना हो जाए नहीं तो फिर यह 3 से 4 दिन बाद आपके चेहरे पर दोबारा से दिखने लगे गा और आप इससे से परेशान हो जाएंगे

 रिंगवर्म में क्या नहीं खाना चाहिए

कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं अगर उनमें सही से खानपान किया जाए तो उन रोगों  से बहुत जल्दी छुटकारा मिल जाता है और अगर बेहतर खानपान ना हो तो साधारण  सा  रोग भी बहुत भयानक रूप ले लेता हैं उन्हीं में से फंगल इन्फेक्शन  रोग आता है  रोग खानपान के साथ गहरा संबंध रखते हैं और अगर इन रोगों  में खान-पान का ध्यान ना रखा गया तो फिर ये रोग  जल्दी से ठीक नहीं होते और लंबे समय तक शरीर को ठीक नहीं होने देते आज हम लोग इनके खान-पान  पर बात करेंगे इनमें हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
 रिंगवर्म में क्या नहीं खाना चाहिए,रिंगवर्म होने पर हमें अपने खान-पान का ध्यान रखना होता है, चाहे वह फंगल इंफेक्शन हो या एक्जीमा या सोराइसिस, कोई चर्म रोग जिसमें आपको खुजली होती है, आपको इसका विशेष ध्यान रखना होता है। सही खान-पान - पान के पत्तों का ध्यान रखा जाए तो दाद की समस्या से बहुत जल्दी बचा जा सकता है। इसे खूब इस्तेमाल करें, लेकिन रिंगवर्म की समस्या होने पर आपको चावल के बारे में कुछ बातें पता होनी चाहिए, इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि फंगल इन्फेक्शन  होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

 रिंगवर्म होने पर क्या नहीं खाना चाहिए

 रिंगवर्म होने पर खान-पान का ध्यान नहीं रखा तो अच्छी से अच्छी दवा खा सकते हैं या क्रीम  लगा सकते हैं, लेकिन जब तक परहेज नहीं करेंगे, ठीक नहीं होगा।

और आपको इस बात का ध्यान सिर्फ खुजली में ही नहीं बल्कि अन्य बीमारियों में भी रखना है, लेकिन सिर्फ खुजली में ही क्यों, क्योंकि खुजली इतनी तेज होती है कि व्यक्ति न तो सो पाता है और न ही चैन से बैठ पाता है और उसे कोई परेशानी भी नहीं होती है। काम करने का मन भी नहीं करता

हमारा रक्त क्षारीय होता है और हमें अधिक से अधिक क्षारीय भोजन करना चाहिए, यदि हमारा रक्त अम्लीय हो जाता है तो खुजली की समस्या शुरू हो जाती है, यह खुजली का एक सबसे बड़ा कारण है।

 सबसे पहले हम बात करेंगे कि त्वचा संबंधी रोगों में कैसे खाना-पीना चाहिए।

रिंगवर्म होने पर कौन से फल नहीं खाना चाहिए
फंगल इन्फेक्शन  या त्वचा की समस्या होने पर अधिक खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा, कच्चा आम, आंवला नहीं खाना चाहिए।

 रिंगवर्म होने पर कौन सी सब्जियां नहीं खानी चाहिए
कुछ लोग अंडा मांस मछली का प्रयोग सब्जी के रूप में करते हैं, आपको इस प्रकार की सब्जी से बचना चाहिए। अरबी, कच्चा केला, बैंगन की सब्जी नहीं खानी चाहिए।

सलाद के रूप में टमाटर, प्याज, नींबू का प्रयोग न करें।

कुछ अन्य खाद्य पदार्थ जिन्हें नहीं खाना चाहिए

 बाजार में मिलने वाला पैकेज्ड फूड (बिस्किट, नमकीन) नहीं खाना चाहिए।

कोल्ड ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। शीतल पेय अम्लीय होते हैं।

खट्टे अचार जैसे नीबू का अचार, आम का अचार नहीं खाना चाहिए.

गुड़, चीनी, रसगुल्ला, बर्फी जैसे मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज करें

अधिक नमक और मिर्च मसाले वाले भोजन से भी बचना चाहिए।

दही खट्टा हो तो खाने से परहेज करें,फंगल इनफेक्शन  ठीक होने तक इसका सेवन न करें।

ऐसे पेय पदार्थों से भी बचना चाहिए जो शरीर में उत्तेजना पैदा करते हैं जैसे चाय, कॉफी आदि।

अब तक हमने आपको बताया कि खुजली होने पर कौन सा खाना खाना चाहिए और कौन सा नहीं खाना चाहिए।

अब हम बात करेंगे कि अगर आप फंगल इन्फेक्शन  से मुक्त हैं तो किन फलों और सब्जियों को अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए ताकि दोबारा फंगल इंफेक्शन की समस्या न हो।

कैंडिडा एक आम संक्रमण है, यह आपकी त्वचा, आंत और योनि में रहता है, इसलिए इसे रोकने के लिए कुछ एंटीफंगल खाद्य पदार्थ हैं। जो फंगल इंफेक्शन को रोकने में काफी मददगार साबित हो सकता है।

रिंगवर्म होने पर अधिक मीठा दूध न पियें
जब भी आप दूध पियें तो इस बात का ध्यान रखें कि दूध अधिक मात्रा में न हो, हल्का मीठा दूध ही पियें, क्योंकि दूध में लैक्टोज शुगर पाया जाता है और ज्यादा चीनी पीने से खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे फंगस लग जाता है। शरीर को अधिक भोजन मिलता है और यह तेजी से बढ़ने लगता है और फंगल इन्फेक्शन  और भी तेजी से बढ़ने लगता है इसलिए ज्यादा मीठा दूध न पिएं
खट्टा दूध न पियें

कुछ लोग  बाजार में  मिलने वाले दूध का भी इस्तेमाल करते हैं, ज्यादातर लोग डिब्बाबंद दूध का ही इस्तेमाल करते हैं, ज्यादा देर तक दुकान में रहने के कारण दूध कभी-कभी खट्टा हो जाता है और लोग खट्टा दूध इस्तेमाल करते हैं, अगर कोई समस्या हो तो खट्टा दूध इस्तेमाल कर सकते हैं. दूध का प्रयोग किया जा सकता है। दूध का प्रयोग न करें और पाउडर वाले दूध से परहेज करें क्योंकि इस प्रकार का दूध फंगल इन्फेक्शन  की समस्या में अधिक नुकसान कर सकता है और खट्टा दूध पीने से शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे खुजली की समस्या हो जाती है। है। कोशिश करें कि ताजा दूध ही इस्तेमाल करें
फंगल इन्फेक्शन होने पर बेहतरीन एंटी फंगल फूड न खाएं,

garlic

 Ginger

 Curd

Turmeric

garlic में एंटी-फंगल, एंटी-वायरल गुण होते हैं, यह कैंडिडा संक्रमण को रोकने के लिए बहुत प्रभावी है, आप इसे अपने भोजन की आवश्यकता के अनुसार उपयोग कर सकते हैं।

Ginger

 Ginger एक अच्छा एंटिफंगल माना जाता है और कैंडिडा अल्बिकन्स को रोकने में सहायक होता है। इसके नियमित सेवन से यीस्ट इंफेक्शन नहीं होता है।
 
Turmeric

 Turmeric एक बहुत अच्छा एंटीफंगल भी है। हल्दी का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही फंगल इंफेक्शन से बचाव के लिए किया जाता रहा है। अगर आप चाहते हैं कि फंगल इंफेक्शन न हो तो इसके लिए आपको हल्दी का सेवन करना चाहिए। हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है, जो यीस्ट को रोकने में काफी मदद करता है।

 Curd

Curd के हैं कई फायदे दही को सुपरफूड माना जाता है, दही में पाया जाने वाला लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया के संक्रमण को रोकने में मददगार होता है। और दही के नियमित सेवन से कैंडिडा संक्रमण से बचा जा सकता है।

  रिंगवर्म होने पर क्या खाना चाहिए,

अगर आप रिंगवर्म के संक्रमण से निजात पाना चाहते हैं तो रिंगवर्म में प्रोटीन युक्त भोजन करना चाहिए क्योंकि फंगस का मुख्य भोजन मीठा और वसायुक्त भोजन होता है। इसलिए अपनी डाइट में दालों को जरूर शामिल करें।
रिंगवर्म में कौन सा फल खाना चाहिए
 हमें ऐसे फल खाने चाहिए जो अच्छे और पौष्टिक होते हैं जैसे केला, सेब, अन्य फल मौसम के अनुसार खाएं, केला और सेब बाजार में आसानी से मिल जाते हैं।

सब्जियों में आप मूली, पालक, गाजर, गोभी, आलू जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक से अधिक सेवन कर सकते हैं। आप खीरा, मूली और गाजर को सलाद के रूप में ले सकते हैं, ध्यान रहे कि मूली ज्यादा तीखी न हो.फंगल इन्फेक्शन  में चावल खाना चाहिए या नहीं? द फंगल इन्फेक्शन  में चावल खाना चाहिए या नहीं? दाद में हमें चावल नहीं खाना चाहिए क्योंकि चावल में काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। 

ज्यादा चावल खाने से शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, जिससे खून में शुगर की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है और इससे फंगस शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। जिससे रिंगवर्म और भी तेजी से फैलने लगता है,रिंगवर्म को ठीक करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है और इसके लिए काफी दवाई भी खानी पड़ सकती है, इसके लिए आपको रिंगवर्म में कम से कम चावल और इस तरह के कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए।रिंगवर्म  होने पर चावल की जगह क्या खाएं इन चीजों से परहेज करें रिंगवर्म होने पर आप अपने खाने में चावल की जगह हरी सब्जियां और सलाद का इस्तेमाल कर सकते हैं और अगर आपको चावल खाना ही है तो मिठाई के साथ न खाएं क्योंकि इसमें बहुत सारी चीजें होती हैं। चावल में कार्बोहायड्रेट पाया जाता है और ऊपर से अगर आप इसे मीठे के साथ खाते हैं तो दोनों ही आपके लिए हानिकारक होंगे क्योंकि इससे शरीर में शुगर की मात्रा काफी बढ़ जाएगी इसलिए हरा सलाद ज्यादा से ज्यादा खाएं।

 रिंगवर्म में दूध पीना चाहिए या नहीं? कहा जाता है कि दूध में हर तरह के खनिज तत्व पाए जाते हैं और इससे पहले व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है. किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए दूध बहुत जरूरी होता है क्योंकि दूध पोस्टिक और स्ट्रांग होता है, इसलिए बाद में आप दूध का सेवन कर सकते हैं, लेकिन दूध पीते समय आपको कुछ सावधानियों का ध्यान रखना होगा, जैसे कि दूध न तो ज्यादा ठंडा पिएं और न ही ज्यादा गर्म, क्योंकि अगर आप ज्यादा गर्म दूध पिएं, इससे आपके शरीर में गर्मी बढ़ेगी और गर्मी बढ़ेगी। इससे आपके शरीर में खुजली की समस्या हो जाएगी और आपके शरीर का रिंगवर्म भी ठीक नहीं होगा इसलिए जब भी रात को दूध पिए तो ठंडा दूध  ही पिए

बरसात में होने वाले दाद की दवा क्या है?

बरसात का मौसम आते ही हर तरफ हरियाली छा जाती है और सभी बारिश का आनंद लेने के लिए तैयार हो जाते हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए यही बारिश इंफेक्शन के लिए आती है कुछ लोगों को स्किन से जुड़ी बहुत सारी समस्या हो जाती है जैसे फुंसी घमौरिया फंगल इन्फेक्शन एलर्जी और भी तरह की अनेक परेशानियां होने लगते हैं इसलिए हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए बारिश के मौसम में कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए और इसलिए हमें इसके लिए पहले से तैयार रहना चाहिए ताकि इंफेक्शन होने से पहले ही हम अपने आप को सुरक्षित कर सके और बारिश के मौसम का भी आनंद ले सकें 

बरसात के मौसम में अधिकतर नमी होती  है और देखा जाता है कि लोग गीले कपड़े अधिकतर पहनते हैं क्योंकि बरसात के दिनों में कभी-कभी कई दिनों तक बारिश होने के कारण कपड़े सूख नहीं पाते जिसके चलते लोग अधिकतर गीले कपड़े पहनते हैं इस कारण गीले कपड़े निरंतर गीले कपड़े पहनने से
फंगस उत्पन्न हो जाती है  जो दाद का कारण बनती है कभी-कभी बहुत अधिक पसीना भी शरीर से निकलता है क्योंकि गर्मी बहुत अधिक होती है और प्राइवेट पार्ट में दाद की समस्या उत्पन्न हो जाती है इस प्रकार जो शरीर का हिस्सा कपड़े से ढका रहता है ऐसी जगह पर बहुत अधिक पसीना इकट्ठा होने की वजह से दाद उत्पन्न हो जाती है

अगर आपको बरसाती दाद हो गई है  तो इसका इलाज बहुत अच्छे से पता होना चाहिए नहीं तो फिर इस प्रकार की दाद काफी दिनों तक रह सकती हैं इसलिए आपको बरसाती दाद को ठीक करने के लिए क्रीम या मलहम का प्रयोग करना चाहिए दाद  को ठीक करने के लिए तेल अधिक नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इस मौसम में शरीर से बहुत अधिक पसीना निकलता रहता है और जिसके कारण तेल जल्दी ही पसीने के द्वारा साफ हो जाता हैं इसलिए आप बरसाती दाद को ठीक करने के लिए   cream का ज्यादा प्रयोग करें क्योंकि क्रीम थोड़ा गाढ़ा होता है और इसलिए शरीर पर बहुत देर तक तक टिक सकता है जिससे दाद बहुत जल्दी ठीक हो जाता है और उसके साथ-साथ इट्राकोनाजोल, कैप्सूल भी साथ-साथ दवाई के रूप में ले सकते हैं इससे दाद बहुत ही जल्दी ठीक हो जायेगा  
बरसात की दाद से बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जिससे आप  की  दाद की समस्या ठीक हो सकती हैं
हो सके तो सूती कपड़े पहनें जिससे आपके शरीर से अधिक मात्रा में निकलने वाला पसीना कपड़ों में ही सुख  जाए
किसी एंटीफंगल पाउडर का प्रयोग करें इससे दाद  उत्पन्न नहीं होगी और इसके अलावा खुजली भी नहीं होगी
जितना हो सके सूखे कपड़े पहने,अपनी इम्युनिटी को बनाए रखें 

दाद की दवा कौन-कौन सी है

 बहुत सारी दवाइयां है 

दाद की सबसे अच्छी दवा कौन सी है

दाद की सबसे अच्छी क्रीम कैंडिड क्रीम इच गार्ड क्रीम  रिंग गार्ड क्रीम है खाने वाली दवा में तो इट्राकोनाजोल बेस्ट दवा है

दाद में चावल खाना चाहिए या नही
बहुत कम कम मात्रा में

दाद में चाय पीना चाहिए या नहीं

अधिक मात्रा में चाय पीना नुकसानदेह हो सकता हैै

दाद खाज खुजली किसकी कमी से होता है?
अनेक कारण

दाद खुजली कैसे सही होगा?
सही इलाज से

क्या एंटीफंगल क्रीम से दाद खराब हो रहा है
हां, ऐसी क्रीम जो एंटी फंगल के साथ स्टेरॉइड युक्त है तो ऐसी क्रीम से दाद खराब हो जाता है अगर उसका अधिक मात्रा में प्रयोग किया गया तो

दाद खुजली होने के क्या कारण है?
फंगस

दाद खाज खुजली को कैसे जड़ से खत्म करें?
बेहतर उपचार से

खुजली का साबुन कौन सा है?
टेटमोसोल साबुन

शरीर में खुजली कौन सी विटामिन की कमी से होती है?
विटामिन डी

बहुत ज्यादा खुजली हो तो क्या करें?
एंटी हिस्टामाइन दवा ले

शरीर में खुजली होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?
खट्टी चीजे खाने से बचना चाहिए

पूरे शरीर में खुजली होने पर क्या करना चाहिए?
 लेवोसेटिरिज़िन मेडिसन ले

शरीर में खुजली होने पर कौन सा तेल लगाना चाहिए?
नारियल का तेल बेस्ट रहेगा

खुजली के लिए कौन सा क्रीम अच्छा है?
टरबीनाफाइन क्रीम
 
क्या पीने से खुजली ठीक हो जाती है।
 एटांसिड पीने से खुजली कम हो जाती है।







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