ल्यूसिनोड्स ऑर्बोनेलिस (Leucinoides orbonalis) एक कीट है जिसे आमतौर पर "जिसे बैंगन की मक्खी" या, "बैंगन का फल बेधक" (Brinjal Fruit and Shoot Borer) के रूप में जाना जाता है।
ल्यूसिनोड्स ऑर्बोनेलिस मुख्य रूप से बैंगन के पौधों पर निर्भर करती है। यह कीट बैंगन की फसल का एक प्रमुख कीट होता है और बैंगन की फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
ये मक्खियाँ पौधों के कोमल हिस्सों, जैसे पत्तियों पर, तनों में, और फलो के भीतर अंडे देती हैं जिनसे लार्वा निकलता है जो तने और फलो को अंदर से खाने लगता है
जिससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है और फल खराब हो जाते हैं।
यह कीट विशेष रूप से बैंगन, टमाटर और अन्य (सोलेनेसी) परिवार के पौधों पर आक्रमण करता है। बैंगन की मक्खी के संक्रमण से पौधों की वृद्धि रुक सकती है और फल का उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है।
ल्यूसिनोड्स ऑर्बोनेलिस के अंडे देने का समय व प्रक्रिया
ल्यूसिनोड्स ऑर्बोनेलिस (बैंगन का फल बेधक) की मादा पतंगा अपने अंडे मुख्य रूप से पौधों के युवा हिस्सों पर, जैसे कि नई पत्तियों, फूलों, और कोमल तनों पर देती है।
मादा पतंगा सामान्यतः अकेले या छोटे समूहों में अंडे रखती है। अंडे दिए जाने का समय और स्थान कीट के जीवनचक्र और पर्यावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है,
लेकिन आम तौर पर ये अंडे फलों पर, फूलों की कलियों, और तनों पर पाए जाते हैं।
ल्यूसिनोड्स ऑर्बोनेलिस (बैंगन का फल बेधक) कीट मुख्य रूप से निशाचर (रात में सक्रिय) होते हैं। यह कीट रात के समय में ही अपने अंडे पौधों के कोमल हिस्सों जैसे कि तने, पत्तियों और फलों पर देते हैं।
अंडे देने का सटीक समय शाम के बाद से लेकर रात के समय होता है, जब कीटों की गतिविधि अधिक होती है।
सामान्यतः ये कीट सूर्यास्त के बाद से लेकर आधी रात तक (लगभग 7 बजे से 12 बजे तक) अंडे देने की क्रिया करते हैं, क्योंकि इस समय अंधेरा होता है और पर्यावरण शांत रहता है, जिससे कीट सुरक्षित रूप से अंडे दे सकते हैं।
अंडे से लार्वा (सुंडी) निकलने के बाद वे तुरंत ही पौधे के भीतर घुसकर उसे नुकसान पहुंचाने लगते हैं।
1. मादा पतंगा शाम या रात के समय अंडे देती है।
2. प्रत्येक मादा पतंगा 100 से 250 तक अंडे दे सकती है।
3. अंडों से 3-5 दिनों में लार्वा निकलता है, जो पौधे के तनों या फलों में घुसकर खाना शुरू कर देता है।
इस प्रक्रिया के कारण पौधे जल्दी खराब होने लगते हैं, इसलिए कीट का समय पर प्रबंधन महत्वपूर्ण होता है।
लक्षण:
- फल और तनों में छेद
- खराब, गिरे हुए फल
- पौधों की वृद्धि में रुकावट
ल्यूसिनोड्स ऑर्बोनेलिस के नियंत्रण के उपाय:
"ल्यूसिनोड्स ऑर्बोनेलिस" (Leucinoides orbonalis) को खेतों से भगाने के लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं। यहाँ कुछ प्रभावी नियंत्रण विधियाँ दी गई हैं:
1. सफाई और प्रबंधन:
- खेत की नियमित सफाई करें और प्रभावित फसलों के हिस्सों को हटा दें।
- खेत में मरोड़े गए और गिर गए फलों को तुरंत नष्ट करें।
2. पौधों का चयन:
- इस कीट के प्रति प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
- ऐसे पौधे लगाएं जो कीटों को आकर्षित न करें।
3.फेरोमोन ट्रैप:
- फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करें, जो नर कीटों को आकर्षित कर उन्हें पकड़ लेते हैं। इससे प्रजनन में कमी आती है।
4.जैविक नियंत्रण:
- नीम का तेल: नीम के तेल का छिड़काव करें, जो कीटों को मारने में मदद करता है।
- बैक्टीरिया और फफूंद:
- जैसे Bacillus thuringiensis का उपयोग करें, जो लार्वा को मार सकता है।
5.रासायनिक नियंत्रण:
- अगर अन्य उपाय असफल हो जाएं, तो निर्धारित कीटनाशकों का उपयोग करें। हमेशा विशेषज्ञ की सलाह लें और उत्पाद के निर्देशों का पालन करें।
6. पौधों की देखभाल:
- पौधों को सही मात्रा में पानी और पोषक तत्व दें ताकि वे स्वस्थ रहें और कीटों का सामना कर सकें।
7.फसल चक्र:
- फसल चक्र का पालन करें, जिससे कीटों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके। जैसे, बैंगन की फसल के बाद अन्य फसलें लगाना।
8. ऑर्बोनेलिस को दूर भगाने वाले पौधे लगाए
- नीम (Azadirachta indica): नीम की पत्तियों और तेल की गंध बैंगन के फल बेधक को दूर रखने में प्रभावी होती है।
- तुलसी (Ocimum sanctum): तुलसी की गंध भी इस कीट को आकर्षित नहीं करती।
- पुदीना (Mentha): पुदीने की गंध भी कीटों को दूर रखने में मदद कर सकती है।
- लहसुन (Allium sativum): लहसुन की गंध भी कीटों को दूर रखने में सहायक होती है।
इन पौधों का उपयोग करके बैंगन की फसल को सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है। आप इन पौधों को अपने बैंगन के बाग में लगा सकते हैं या इनके अर्क का उपयोग कर सकते हैं।
इन उपायों को अपनाकर आप "ल्यूसिनोड्स ऑर्बोनेलिस" को अपने खेतों से प्रभावी ढंग से भगा सकते हैं।
इस कीट की समय पर पहचान और उचित नियंत्रण उपायों से फसल को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
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