सोरायसिस के लिए तेल चुनते समय, किसी को अपनी त्वचा के प्रति संवेदनशील होना चाहिए क्योंकि व्यक्तिगत अनुभव भिन्न हो सकते हैं। हालाँकि, कुछ तेल, जैसे कि नीम तेल नारियल तेल, कुछ लोगों को गंभीर त्वचा रोग से भी राहत दे सकते हैं। लेकिन सबसे अच्छा नारियल का तेल ही बेस्ट होता है। अपने डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा होगा
सोरायसिस के लिए नीम का उपयोग
अगर आप सोरायसिस की समस्या से ग्रसित तो आप नीम को आजमा सकते हैं
आज आधुनिक युग में कुछ लोगों को आयुर्वेदिक औषधि से इलाज कराना अच्छा नहीं लगता या फिर वह उसमें विश्वास नहीं करते हैं ऐसा कुछ हद तक सही हो भी सकता है जिन लोगों को आयुर्वेदिक औषधियों से या किसी बीमारी में अच्छे परिणाम मिलते हैं तो वह लोग उन पर भरोसा करते हैं
लेकिन आधुनिकता की भागदौड़ में बहुत सी आधुनिक दवाएं विकसित की जा चुकी हैं आज एक से एक बढ़िया दवाई अंग्रेजी, होम्योपैथिक की उपलब्ध हैं
लेकिन यह बात भी सही है कि आयुर्वेदिक दवाएं भी आज तेजी से उभर कर सामने आ रही है और रोगों पर बहुत ही अच्छा प्रभाव डालती है
बहुत से लोगों को आयुर्वेदिक दवा के द्वारा ही ठीक किया जा रहा है जिन्हें बहुत सी ऐसी जड़ी बूटीयों से बनाया जाता है
बीमारियां पहले भी ऐसे ही मौजूद थी और आज भी ऐसे ही मौजूद है, बस समय बदल गया लेकिन त्वचा रोग आज भी व्यक्ति को परेशान करते रहते हैं
नीम जिससे त्वचा रोगों में एक अच्छा लाभ मिलता है और इसका बहुत उपयोग होता है सोरायसिस रोग शरीर में रक्त की खराबी के कारण उत्पन्न होता है लेकिन यही इसका एक मुख्य कारण नहीं है
और नीम से अगर इसका इलाज किया जाए तो नीम इसमें काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है लेकिन यह जरूरी नहीं कि सोरायसिस ठीक हो जाए
सोरायसिस रोग होने के बहुत सारे फैक्ट होते हैं और उन सभी को समझना और जानना एक बहुत ही मुश्किल काम होता है
क्योंकि कोई भी नहीं जानता कि आखिर सोरायसिस का मुख्य कारण क्या है और किस के कारण यह रोग होता हैं लेकिन सोरायसिस रोग जब किसी को होता है तो उसे ऐसी चीजें खाने, पहनने, से रोका जाता है
जो सोरायसिस ट्रिगर कर सकते हैं अर्थात उसे बढ़ावा देते है ऐसी चीजों को रोका जाता है और कुछ दवाइयां और खान-पान पर ध्यान करके इस रोग को ठीक किया जा सकता है लेकिन इसका मुख्य कारण क्या है कोई नहीं जानता सिर्फ इतना ही जानते हैं
की प्रतिरोधक क्षमता में कमी .या अधिकता के कारण यह रोग होता है लेकिन हमें तो यह जानना है कि नीम से सोरायसिस का इलाज कैसे करते हैं तो चलिए इस बारे में थोड़ा जान लेते हैं
सोरायसिस में नीम के पत्ते खाने से फायदा नुकसान
सोरायसिस का इलाज करने के लिए दो तरीके हैं पहला तरीका आप नीम का सेवन एक या 2 हफ्ते तक करें जिसमें आपको नीम कुछ पत्तियां लेकर उन्हें
पीसकर उनका रस सुबह प्रतिदिन रोजाना पीना होगा इससे आपके रक्त के सभी विकार नष्ट हो जाएंगे और चर्म रोग ठीक होने की आसार बढ़ जाएहें
या फिर अगर आपको नीम की ताजी पत्तियां ना मिले तो आप नीम तेल लीजिए और उस से सोरायसिस पर 1 से 2 हफ्ते तक रोजाना मालिश करें इससे सोरायसिस ठीक हो सकता है
लेकिन यह जरूरी नहीं कि सोरायसिस ठीक हो यहां सिर्फ नीम से उपचार के बारे में बात की गई है यहां पर इसके ठीक होने की सौ परसेंट गारंटी नहीं दी जा सकती
अगर इससे आपका सोरायसिस ठीक नहीं होता है तो आप कोई ओर क्रीम का इस्तेमाल करें इसके लिए आप आयुर्वेदिक क्रीम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं
2) Barphani cream uses in hindi
Barphani cream इस क्रीम को आयुर्वेदिक औषधि से तैयार किया गया है, जैसे हल्दी,अरंडी का तेल आदि का इस्तेमाल किया गया है यह क्रीम आपकी त्वचा को कोमल और नमीयुक्त बनाती है,
इसे आपको ज्यादा से ज्यादा दिन में से दो बार लगानी है। आपका सोरायसिस रोग धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा
अगर इस क्रीम के दुष्प्रभाव के बात करें तो इस क्रीम के कोई भी दुष्प्रभाव नहीं देखने को मिलेंगे क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार के स्टेरॉइड का प्रयोग नहीं किया गया है
और इसमें आयुर्वेदिक औषधियों का ही प्रयोग किया गया है
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(1) सोरायसिस के लिए डेरोबिन क्रीम
डेरोबिन ऑइंटमेंट 30 ग्राम, जिसका उपयोग सोरायसिस जैसी त्वचा की स्थिति के इलाज के लिए किया जाता है। डेरोबिन क्रीम सोरा लिए एक एलोपैथिक उपचार है,
इसलिए हम कह सकते हैं कि डेरोबिन क्रीम सोरायसिस के लिए अंग्रेजी दवा है। यह सोरायसिस के लिए सबसे अच्छी क्रीम है। सूजन, खुजली, लालिमा को कम करने में मदद करता है
और मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाता है। सोरायसिस एक दीर्घकालिक (दीर्घकालिक) त्वचा की स्थिति है जिसमें त्वचा कोशिकाएं सामान्य से अधिक तेजी से बढ़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप सफेद खुजली, सूखे धब्बे होते हैं।
डेरोबिन ऑइंटमेंट 30 ग्राम के बारे में।
संरचना कोयला टार-5.3%W/W +
डिथ्रानोल-1.15%W/W + सैलिसिलिक
एसिड-1.15%W/W
डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम में डिथ्रानोल (एंटीसोरियाटिक दवा), सैलिसिलिक एसिड (छीलने वाला एजेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी) और कोल टार (केराटोलाइटिक एजेंट) शामिल हैं।
डिथ्रानोल, जिसे एंथ्रालिन के नाम से भी जाना जाता है, एक एंटीसोरियाटिक दवा है जो त्वचा कोशिकाओं के उत्पादन को धीमा करके काम करती है।
सैलिसिलिक एसिड और कोल टार केराटोलिटिक एजेंट हैं जो केराटिन नामक प्रोटीन (जो त्वचा की संरचना का हिस्सा है) को तोड़कर काम करते हैं जो मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाते हैं,
मृत त्वचा कोशिकाओं को बाहर निकालता है और त्वचा को मुलायम बनाता है। डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम केवल बाहरी उपयोग के लिए है। डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम की थोड़ी मात्रा लें
और इसे साफ, सूखे प्रभावित क्षेत्र पर एक पतली परत में लगाएं।
डेरोबिन क्रीम का उपयोग व सावधानियां
सामान्य त्वचा, नाक, मुंह, आंखों, त्वचा की परतों या जननांगों के साथ डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम के संपर्क से बचें। यदि डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम गलती से इन क्षेत्रों के संपर्क में आता है, तो उन्हें खूब पानी से अच्छी तरह धो लें।
यदि आपको डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम या किसी अन्य सामग्री से एलर्जी है तो कृपया अपने डॉक्टर को बताएं। यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं,
तो डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम का उपयोग निर्धारित मात्रा से अधिक,
शरीर के बड़े हिस्से पर या लंबे समय तक न करें, क्योंकि इससे प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
जब तक डॉक्टर द्वारा सलाह न दी जाए, उपचारित क्षेत्र को ड्रेसिंग या पट्टियों से न लपेटें या ढकें।
डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम को कपड़ों, त्वचा या बालों के संपर्क में आने से बचें क्योंकि इससे उन पर दाग लग सकता है।
खुले घावों, धूप की कालिमा, फटी, चिड़चिड़ी या शुष्क त्वचा पर डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम न लगाएं। कृपया अधिक समय तक सीधी धूप में न रहें क्योंकि इससे सनबर्न हो सकता है।
डेरोबिन यौगिक डिथ्रानोल मरहम का उपयोग और लाभ
डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम का उपयोग
डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम तीन दवाओं का एक संयोजन है: डिथ्रानोल, सैलिसिलिक एसिड और कोल टार जिसका उपयोग सोरायसिस (पपड़ीदार और खुजली, सूखे पैच) के इलाज के लिए किया जाता है।
डिथ्रानोल, जिसे एंथ्रालिन के नाम से भी जाना जाता है, एक एंटीसोरियाटिक दवा है जो त्वचा कोशिकाओं के उत्पादन को धीमा कर देती है
और इन कोशिकाओं में डीएनए (आनुवंशिक सामग्री) प्रतिकृति को रोककर उनके विकास और गुणन को रोकती है।
इस प्रकार, यह त्वचा की पपड़ी और मोटाई को कम करता है और सोरायसिस प्लाक को साफ करता है।
सैलिसिलिक एसिड और कोल टार केराटोलिटिक एजेंट हैं जो केराटिन नामक प्रोटीन (जो त्वचा की संरचना का हिस्सा हैं) को तोड़ते हैं
और मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाते हैं या त्वचा को नरम करते हैं।
इसके अलावा, कोल टार में सूजन-रोधी गुण होते हैं और खुजली और लालिमा को कम करने में मदद करते हैं।
डेरोबिन क्रीम कैसे लगाएं?
डेरोबिन ऑइंटमेंट 30 ग्राम लगाने से पहले और बाद में अपने हाथ धो लें। डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम की थोड़ी मात्रा को त्वचा के प्रभावित क्षेत्र पर दिन में दो बार पतली परत के रूप में लगाएं।
डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम केवल बाहरी उपयोग के लिए है।
डेरोबिन क्रीम के साइड इफेक्ट
डेरोबीन ऑइंटमेंट 30 ग्राम के अधिकांश दुष्प्रभावों के लिए चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है,
कुछ लोगों को त्वचा में जलन का अनुभव हो सकता है। जो समय के साथ धीरे-धीरे बेहतर होते जाते हैं। हालाँकि,
यदि दुष्प्रभाव बने रहते हैं या बिगड़ जाते हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
डेरोबिन क्रीम की कीमत
डेरोबिन क्रीम की कीमत बहुत कम है, यह आपको 90 ₹ की कीमत में मिल जाती है, आप इसे ऑनलाइन खरीद सकते हैं और यह आपको अमेज़न पर उपलब्ध हो जाती है।
नीम के अन्य फायदे
नीम के फायदे एक्जिमा में
एग्जिमा जिसका अभी तक कोई भी ना तो कोई कारण पता है और ना ही इसका इलाज फिर भी इसका इलाज किया जाता है कुछ दवाइयों के द्वारा और कुछ तेल के द्वारा इसमें नीम का तेल फायदेमंद होता है नीम के तेल पर लगाना चाहिए और हिमालय टेलकट और पतंजलि कायाकल्प वटी का सेवन करने से एग्जिमा रोग ठीक हो जाता है
एलर्जी में नीम के फायदे
एलर्जी जिसका कारण कुछ भी हो सकता है एलर्जी वैसे तो अपने आप में बहुत से कारणों से होती है जैसे कि किसी को धूल से एलर्जी किसी को मीठे से एलर्जी किसी को हवा से एलर्जी तो किसी को पानी से एलर्जी किसी को खाने से एलर्जी किसी को नमक से एलर्जी का तो अपना एक हिसाब है जिससे एलर्जी किसी वस्तु या ताप से होती है लेकिन कुछ एलर्जी स्किन से जुड़ी हुई होती है जो बार-बार त्वचा में जलन इस इस तरह की समस्याएं हो जाती हैं ऐसे में नीम की पत्तियों से नहाना अच्छा रहता है और नीम की गोली भी समय-समय पर खाते रहना चाहिए अगर व्यक्ति को स्किन से जुड़ी एलर्जी होती रहती है
नीम के तेल से दाद का इलाज
दाद की समस्या होने पर नीम का प्रयोग किया जाता है दाद पर नीम को कई तरीके से प्रयोग किया जाता है कुछ लोग नीम की पत्तियों को पीसकर उसमें थोड़ी दही मिलाकर इस पेस्ट को दाद वाली जगह पर लगाते हैं और इसे कुछ दिन करने पर दाद की समस्या ठीक हो जाती हैं और कुछ लोग नीम के तेल को ही दाद पर लगाते हैं इससे दाद जड़ से ठीक हो जाता है अगर नीम का तेल बढ़िया और गुणवत्ता वाला तेल है तो
खाज को दूर करने में नीम के फायदे
अगर शरीर पर किसी व्यक्ति को खाज की समस्या रहती है और वह बहुत ही सुखी खुजली की तरह महसूस होती है खुजलाने पर और बढ़ जाती है तो इस तरह के केस में आप नीम की पत्तियों से कुछ दिन स्नान जरूर करें कर सकते हैं जिससे आपकी खाज की समस्या ठीक हो जाती हैं
खुुजली में नीम के फायदे
शरीर में अगर खुजली की समस्या रहती है और बाहरी रूप से कुछ भी नहीं दिखाई देता तो कुछ दिन नीम की पत्तियों का खाली पेट सेवन करना चाहिए अर्थात इसके कुछ पत्तों को दिल्ली सुबह में खाली पेट खाना चाहिए ऐसा करने पर आपकी खुजली की समस्या मैं कुछ आराम होगा लेकिन अगर फिर भी खुजली ठीक नहीं होती है तो फिर आप दूसरा इलाज करना चाहिए
चलिए अब आपको हम नीम के कुछ और बेहतरीन फायदे के बारे में बताते हैं
सुबह खाली पेट नीम के पत्ते खाने के फायदे
सुबह खाली पेट नीम के पत्ते अगर खाए जाएं तो इससे पेट में हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया के नष्ट होने से आपके शरीर में सभी प्रकार के चर्म रोग भी नष्ट हो जाते हैं और आपके खून को भी यह साफ करता है अगर आप नीम के पत्ते नहीं खा सकते तो आप इसके दातुन का प्रयोग कर सकते हैं और इसकी कुछ मात्रा को ग्रहण करने से भी आपको बहुत फायदे मिल जाते हैं
चेहरे के लिए नीम का प्रयोग
अगर आप अपने चेहरे को सुंदर और साफ सुथरा रखना चाहते हैं तो उसके लिए नीम का प्रयोग आपको जरूर करना चाहिए आप नीम को खाली पेट कुछ पत्तियां दैनिक खा सकते हैं अगर आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो आप कुछ नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे अपने चेहरे पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं और कुछ देर के लिए अपने चेहरे पर लगाकर भी रख सकते हैं इससे आपके बैक्टीरिया जो आपके कारण बनते हैं नष्ट हो जाते हैं नीम जीवाणु को नष्ट करता है और इससे आपके मुंह के पिंपल्स नष्ट हो जाते हैं इसका एक बेहतर उद्धरण हम आपको बताते हैं आपने हिमालय नीम फेस वॉश का नाम तो जरूर सुना होगा भारत में बहुत ज्यादा प्रयोग होने वाला एक प्यूरीफाइंग नीम फेस वॉश है और इसमें नीम और हल्दी का प्रयोग किया जाता है इसलिए आप नीम के की पत्तियों से अपने चेहरे को धो सकते हैं और उसका दैनिक प्रयोग कर सकते हैं इससे चेहरा बिल्कुल साफ रहता है
जू मारने में नीम का उपयोग
अगर किसी व्यक्ति को जूं शिकायत रहती है तो नीम की पत्तियों से सिर को धोना चाहिए इससे सिर में होने वाली जुएं मर जाती है यह अच्छा साधन है आप दो से तीन बार नीम की पत्तियों से सर को धोने से सिर की सभी जुं नष्ट हो जाती है
रक्त को शुद्ध करने में
नीम रक्त को शुद्ध करता है यह रक्त से विषाक्त पदार्थों को नष्ट कर देता है और रक्त को शुद्ध करता है रक्त में विभिन्न प्रकार के विषैले तत्व पाए जाते हैं और नीम इन विषैले तत्वों को नष्ट कर शरीर को स्वस्थ और सुंदर बनाता है जिससे फोड़े फुंसी नहीं निकलते और रक्त शुद्ध रहते हैं और व्यक्ति की इम्युनिटी भी मजबूत होती है
अब हम बात करते हैं कुछ ऐसे प्रोडक्ट के बारे में जो विभिन्न कंपनियों के द्वारा बनाए जाते हैं और जिनमें नीम का प्रयोग किया जाता है जिन लोगों को नीम आसानी से उपलब्ध नहीं होता उन लोगों को इस तरह के प्रोडक्ट लेने से लाभ होता है जहां पर आपको इसकी दैनिक खुराक और इसके सही उपयोग के बारे में अच्छे से और जानकारी मिलेगी
नीम से बने उत्पाद
पतंजलि प्रोडक्ट
इनमें सबसे पहले पतंजलि की ओर से जो प्रोडक्ट बनाए जाते हैं उन्हें कुछ मुख्य प्रोडक्ट है नीम घनवटी कायाकल्प वटी और आरोग्य वटी इन सभी में नीम का प्रयोग किया जाता है और यह सभी प्रोडक्ट त्वचा रोगों में लाभ देने के लिए उपयोग किए जाते हैं
हिमालय प्रोडक्ट
हिमालय कंपनी के द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट हिमालय कंपनी का फेमस प्यूरीफाइंग नीम फेस वॉश इसमें नीम का प्रयोग किया जाता है हिमालय एंटीसेप्टिक क्रीम इसमें भी नीम का प्रयोग किया जाता है और हिमालय टेलकट।हिमालय वेलनेस प्योर हर्ब्स नीम टेबलेट।
Leane health product
कंपनी के द्वारा बनाया गया एक प्रोडक्ट जो कैप्सूल के रूप में आपको मिलता है इसमें नीम का प्रयोग किया जाता है
Ziva neem product
टेबलेट के रूप में मिलने वाले जीवा कंपनी के द्वारा बनाया गया नीम हर्बल टी प्यूरीफाइंग टेबलेट
डाबर कंपनी का नीम उत्पाद
जो कि गिलोय और नीम के कंबीनेशन में आता है एक सिरप है जो डाबर कंपनी द्वारा बनाया गया था
यहां पर हमने कुछ अच्छी कंपनी द्वारा बनाए गए नीम के प्रोडक्ट का जिक्र किया है आप अपनी पसंद की कंपनी का प्रोडक्ट यूज कर सकते है।
सवाल-जवाब
क्या सोरायसिस और एक्जिमा दोनों एक है
सोरायसिस और एग्जिमा की दोनों की स्थिति लगभग समान है दोनों में अंतर कर पाना भी कभी कभी मुश्किल हो जाता है कि कौन सा एग्जिमा है और कौन सा सोरायसिस और इनका इलाज भी लगभग दोनों का समान ही होता है इसलिए आप जो दवा एग्जिमा में प्रयोग की जाती है वही दवा सोरायसिस में प्रयोग किया जाता है और इसमें भी नीम का प्रयोग वैसे ही किया जाता है जैसे एग्जिमा में किया जाता है
सबसे ज्यादा बिकने वाला नीम से बना उत्पाद
क्या नीम सोरायसिस को ठीक कर सकता है?
अभी तक नीम से सोरायसिस के इलाज पर संबंधित वैज्ञानिक अध्ययन का अभाव है। हालाँकि, कुछ छोटे पैमाने के अध्ययनों से पता चला है कि नीम त्वचा पर लाभकारी प्रभाव डाल सकता है। नीम त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है, जो सोरायसिस के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
इसके अलावा पतंजलि की दवा भी आजमा सकते हैं
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