सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं या गरम

  शीशम एक बहुत ही मजबूत लकड़ी जो भारत में बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है और देखा जाए तो शीशम  दोनों ही रुप में बहुत ही उपयोगी लकड़ी मानी जाती हैं 

आप चाहे इससे फर्नीचर का सामान बनाए या फिर आयुर्वेदिक औषधियां यह दोनों ही तरीकों में अच्छी है 

लेकिन समय के साथ शीशम  के औषधीय गुण जैसे कहीं खो गए और आज शीशम का पेड़ सिर्फ एक पेड़ रह गया 

जिसका प्रयोग बस फर्नीचर के लिए  होने लगा ऐसा इसलिए क्योंकि  बढ़ती आधुनिकता ने बहुत

 तरक्की की और आयुर्वेदिक औषधियां का कम प्रयोग होने से इनका यूज कम होने लगा और  इसी कारण 

कुछ लोगों को आज यह भी नहीं पता कि शीशम के कितने  लाभ है जो कि आपको बिना किसी साइड 

इफेक्ट्स  के और बहुत ही कम खर्च पर मिल जाते हैं लेकिन यह लाभ तभी मिल पाते हैं जब शीशम के लाभ 

के बारे में पता हो कि हम शीशम  का प्रयोग किन किन रोगों  में और कैसे कर सकते हैं 

तभी जाकर शीशम के लाभ ले पाएंगे और इससे फायदा उठा पाएंगे

शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं या गरम

शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं और जिन लोगों को धातु रोग की समस्याएं होती है वो लोग शीशम को यूज कर सकते हैं। खासकर शीशम के पत्तों का, अगर आप शीशम के कोमल ताजा पत्तों का सेवन करते है तो आपको धातु रोग में बहुत फायदा हो सकता है 
इसके लिए  सुबह-शाम शीशम के 4 से 5 पत्तों का सेवन मिश्री के साथ करे, एक से दो सप्ताह तक ऐसा करें इससे आपको धातु रोग में फायदा होगा
शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं या गरम

शीशम के पत्ते से बवासीर का इलाज़

एक क्वेश्चन जो कभी-कभी पूछा जाता है कि क्या शीशम के पत्ते से या फिर शीशम  से बवासीर का इलाज हो सकता है तो इसका उत्तर है नहीं शीशम से बवासीर का इलाज नहीं हो सकता 

क्योंकि इसके प्रमाण बहुत ही कम देखने को मिलते हैं कि शीशम  के पत्ते से बवासीर का इलाज हो सकता है और इसका कोई बेस्ट आधार भी नहीं है जिससे यह भरोसा हो सके किसी शीशम  के पत्ते से बवासीर का इलाज हो सकता है और अगर एक दो तरीका है 

भी तो वह बहुत ही कठिन है और थोड़ा मुश्किल भी है लेकिन उसमें भी पूरी तरह से बवासीर को ठीक करने की क्षमता नहीं है सिर्फ ऐसे तरीके बवासीर में थोड़े लाभदायक सिद्ध होते हैं 

लेकिन पूर्ण रूप से ठीक करने में सक्षम नहीं है इसलिए अगर आप शीशम के पत्ते से बवासीर का इलाज करने की सोच रहे हैं या फिर ऐसे उपाय ढूंढ रहे हैं 

तो आप ऐसे तरीके ना के बराबर ही मिलेंगे इसलिए आप शीशम की जगह किसी और दवाई या फिर नुस्खे  से बवासीर का इलाज कर सकते हैं जोकि लोगों द्वारा आजमाए हुए नुस्खे हैं 

शीशम के पत्ते खाने के फायदे बहुत है 

बवासीर में तो नहीं लेकिन अन्य बहुत से रोगो में बहुत फायदा है जैसे लिकोरिया प्रमेह रोग, धातु रोग दाद खाज खुजली में और भी ऐसे बहुत से रोंगो में इस शीशम के फायदे हैं जाने बवासीर में  चाय पीनी चाहिए या नहीं&nbsp

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट