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पपीते की जड़ से पथरी का इलाज।थाइराइड में पपीता खाना चाहिए या नहीं

 पपीते की जड़ से पथरी का इलाज पपीते की जड़ से पथरी का इलाज हो सकता है यह वाकई  एक अच्छी बात है सुनने में अच्छा लगता है और अगर इससे पथरी 

का इलाज हो जाए  तो और भी अच्छी बात हो जाती है और अगर पथरी का इलाज नहीं भी होता है तब भी इस उपचार को करने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती 

क्योंकि पपीते की जड़ को स्टेरायड  दवा नहीं होती जिसे लेने से हानिकारक प्रभाव हो जाए यह एक घरेलू नुस्खा है जिसे करने से अगर पथरी का इलाज हो जाए तो यह 

वाकई  में अच्छी बात हो जाती  है। इसलिए इस पोस्ट में ही जानेगें   की पपीते  की जड़ से पथरी का इलाज कैसे करें और कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जो आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी 

पपीते की जड़ से पथरी का इलाज

हमने यह तो देख लिया कि पपीते  की जड़ से पथरी का इलाज हो सकता है लेकिन समस्या यह है कि पपीता की जड़ लाए कहां से क्योंकि पपीता की जड़ को सुखाकर नहीं रखा जा सकता और यह एक बार उखाड़ने के बाद   
कुछ ही दिनों में धीरे-धीरे गलने लगती है और इस प्रयोग के लिए ताजी पपीते की जड़ चाहिए 
लेकिन पपीते की जड की अच्छी बात यह है की इसकी जड गाजर मूली की तरह नही होती बल्कि अनेक शाखाओं मे फैली होती है इसका मतलब कि अगर 

किसी पपीते की जड की एक शाखा काट भी ली जाए तो भी पपीते के पेड को कोई नुकसान नहीं होगा  ऐसे में आप किसी पपीते की जड के थोडे से भाग को रोजाना थोडा थोडा ले सकते है इससे ना ही पेड को नुकसान होगा और आपकी पथरी भी निकल  जाएगी 
पपीते की जड़ से पथरी का इलाज।थाइराइड में पपीता खाना चाहिए या नहीं
पपीते की जड 

किसी कारणवश हो सकता है कि, इससे आपकी पथरी की समस्या जड़ से समाप्त ना हो पाए  लेकिन अगर इससे आपकी पथरी की समस्या समाप्त हो जाती है तो भविष्य में आप के लिए यह प्रयोग हमेशा लाभदायक होगी

थायराइड में पपीता खाना चाहिए या नहीं

थायराइड की स्थिति में आमतौर पर पपीता खाने से कोई बड़ी समस्या नहीं होती है, लेकिन अगर आपकी थायराइड की समस्या गंभीर है तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। पपीता एक स्वस्थ फल है जिसमें विटामिन सी, फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में कोई भी फल खाने से शरीर को नुकसान ही होता है 

गुर्दे की पथरी से जुडी और जी  महत्वपूर्ण जानाकरी व दवाई 

गुर्दे की पथरी(kidney stone) एक सामान्य प्रकार की बीमारी है जो गुर्दे में छोटे पत्थरों के बनने के कारण होती है। किडनी स्टोन होने पर व्यक्ति को दर्द और परेशानी का सामना करना पड़ता है इस समस्या का मुख्य कारण कैल्शियम ऑक्सलेट या अन्य रासायनिक पदार्थों का अधिक मात्रा में जमा हो जाना है। ज्यादातर मामलों में, गुर्दे की पथरी के इलाज में दवाओं और तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है।गुर्दे की पथरी का उपचार पथरी के आकार और स्थान पर निर्भर करता है। दर्द की दवा और तरल पदार्थ के सेवन से आकार में छोटे पत्थर अपने आप शरीर से बाहर निकल सकते हैं। बड़ी पथरी के लिए चिकित्सा हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है, जैसे एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (ESWL), यूरेरोस्कोपी, या पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटोमी (PCNL)

पथरी क्या है 

अब इस बारे में बात करते हैं कि वास्तव में पथरी है क्या कुछ लोगो को तो लगता है कि हम अपने परिवेश में जो पथरी या पत्थर देखते हैं शायद वही  हमारे गुर्दे में भी होती है लेकिन यह  पत्थरी गुर्दे की पथरी से अलग होती है हमारे गुर्दे  में तीन कारणों से गुर्दे की पथरी बनती है पहला कैल्शियम ऑक्सलेट दूसरा कैल्शियम फास्फेट और तीसरा  यूरिक एसिड के कारण पथरी बनती है

गुर्दे की पथरी के लक्षण

गुर्दे की पथरी के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

पेशाब के दौरान दर्द और बेचैनी: गुर्दे की पथरी के सबसे आम लक्षणों में पेशाब के दौरान दर्द या बेचैनी शामिल है।

मूत्र का असामान्य रंग या गंध: पथरी की उपस्थिति में, मूत्र का रंग असामान्य हो सकता है और बहुत दुर्गंधयुक्त भी हो सकता है।

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन: किडनी स्टोन के कुछ लक्षणों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने की भी संभावना होती है।

पेट में दर्द या बेचैनी: पथरी का बड़ा आकार पेट में दर्द या बेचैनी पैदा कर सकता है।

उल्टी होना: पथरी से पीड़ित व्यक्ति को उल्टी की समस्या हो सकती है।

पथरी होने के कारण 

अधिक नमक: अधिक मात्रा में नमक का सेवन करने से शरीर से पानी की कमी हो जाती है, जिससे पथरी बनने लगती है। इसलिए आपको नमक की मात्रा सीमित रखनी चाहिए। 

शरीर में पानी की कमी होना: जैसा कि आप जानते हैं कि गुर्दे  शरीर से पेशाब के रूप  में अपशिष्ट बाहर निकालते है लेकिन अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए तो ऐसे में गुर्दे अपशिष्ट को  निकालने में असमर्थ रहते हैं जो कि पथरी बनने का एक मूल कारण किया है

मूत्र में कैल्शियम की मात्रा का अधिक होना:आपके शरीर में पथरी तब बन सकती है जब आपके मूत्र में अत्यधिक मात्रा में कैल्शियम या अन्य पदार्थ होते हैं जो फाइबर या पानी के साथ बेहतर रूप से उत्सर्जित नहीं होते हैं।

प्रोटीन की अधिक मात्रा: अधिक मात्रा में प्रोटीन से बनी चीजें जैसे मांस, मछली, अंडे आदि खाने से पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।

चीनी: अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करने से आपके शरीर में उच्च घुलनशीलता होती है जो पथरी बनने का एक प्रमुख कारक है।

पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें: पथरी बनने के पीछे सबसे बड़ा कारण हमारे शरीर में पानी की कमी है। इसलिए दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए।

खाने-पीने की चीजों पर पूरा नियंत्रण रखें: शराब, चाय, कॉफी, सोडा और नमकीन चीजों से परहेज करें। कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों का सीमित मात्रा में सेवन करें।

व्यायाम: नियमित व्यायाम करने से शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है, जिससे पथरी जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।

जीवनशैली सुधारें: तंबाकू और शराब से दूर रहें। नियमित नींद लें और तनाव से दूर रहें।

फल और सब्ज़ियां खाएं: फल और सब्जियां आपके शरीर के लिए स्वाभाविक रूप से फायदेमंद होते हैं और आपको गुर्दे की पथरी से बचाने में मदद कर सकते हैं। लेकिन ऐसे फल और सब्जियों का सेवन  कम ही मात्रा में करें, जिनमें ऑक्जेलिक एसिड की  अधिक मात्रा होती है

ऑक्सालिक एसिड फूड कम खानाऑक्सेलिक एसिड एक प्रकार का एसिड है जो कुछ खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। यह अम्ल आम, अंगूर, किशमिश और नींबू जैसे फलों में सबसे अधिक पाया जाता है। इसके अलावा, ऑक्सालिक एसिड अन्य खाद्य पदार्थों जैसे छोटी मछली, गोभी, पालक, टमाटर, गाजर, आलू, खजूर, रसभरी, अंगूर और बैंगन में भी पाया जाता है।ऑक्सालिक एसिड खाद्य पदार्थों को अम्लीकृत करने और उन्हें स्वादिष्ट बनाने में मदद करता है। हालाँकि, जब ऑक्सालिक एसिड अधिक मात्रा में उपलब्ध होता है, तो यह नुकसान दायक हो सकता है। इसलिए इसका सेवन उचित मात्रा में करना जरूरी है।

गुर्दे की पथरी की होम्योपैथिक मेडिसिन

गुर्दे की पथरी की होम्योपैथिक दवाई भी उपलब्ध है

होम्योपैथी में गुर्दे की पथरी की बहुत ही अच्छी मेडिसिन आती है जिसका नाम R 27 है यह होम्योपैथी में गुर्दे की पथरी निकालने की  अच्छी मेडिसन मानी जाती है अगर आपको बहुत दर्द रहता है और होम्योपैथी मेडिसिन चाहते हैं तो यह एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है

इसके लिए आप होम्योपैथिक मेडिसिन R27 की       10-15 बूंदे  दिन मे तीन बार  ले।  एक कप या आधा कप पानी मे R27 की 10 से 15 बुंदे अच्छी तरह से मिला ले और उसे आराम आराम से घूंट घूंट करके पी ले इस तरह दवा पीने से अच्छा  और जल्दी लाभ होता है दवा आपको खाना खाने से लगभग एक घंटा पहले लेनी है जिससे कि वह शरीर में अच्छे से काम करें

गुर्दे की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज

आयुर्वेद में गुर्दे की पथरी को 'वृक्षकश्मर' के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद में प्राकृतिक तरीकों से इसका इलाज किया जाता है।

नीचे कुछ आयुर्वेदिक उपाय दिए गए हैं।

त्रिफला: त्रिफला गुणों से भरपूर होता है और गुर्दे की पथरी को दूर करने में मदद करता है। इसे दिन में दो बार खाने से लाभ होता है।

धनिया का पानी: धनिया का पानी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो गुर्दे की पथरी के लिए बहुत उपयोगी है। इसे रात को भिगोकर उबाल लें और सुबह इसे पी लें।

गोमूत्र: गोमूत्र एक प्राकृतिक औषधि है जो गुर्दे की पथरी को दूर करने में मदद करती है। इसे पीने से फायदा होता है।

गुर्दे की पथरी एक आम समस्या है जो अक्सर पेशाब में रसायनों के कारण होती है। आयुर्वेद में इस समस्या का कई तरह से इलाज किया जाता है। यहां कुछ आयुर्वेदिक उपचार दिए गए हैं जो गुर्दे की पथरी के लिए उपयोगी हो सकते हैं

शिलाजीत: शिलाजीत एक प्राकृतिक औषधि है जो गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए उपयोगी है। यह पथरी को तोड़ने में मदद करता है और यह किडनी के अंदर जमा मल को बाहर निकालने में मदद करता है।

पुनर्नवा: पुनर्नवा एक जड़ी बूटी है जो किडनी की समस्याओं के लिए उपयोगी है। इसके सेवन से पथरी तोड़ने में मदद मिलती है और यह किडनी के अंदर जमा मल को बाहर निकालने में मदद करता है।

गोक्षुरा: गोक्षुरा एक ऐसी औषधि है जो गुर्दे की पथरी को तोड़ने में मदद करती है। इसके अलावा, यह स्वस्थ गुर्दे के कार्य को बढ़ावा देता है और स्वस्थ पथरी को हटाने में मदद करता है।

गुर्दे की पथरी से बचने के लिए टिप्स 

विशेषज्ञ की सलाह पर लें अपनी दवाएं: अगर आपको पथरी की समस्या है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। उनकी निर्धारित दवाएं नियमित रूप से लें।

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