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बवासीर में मीठा खाना चाहिए या नहीं। क्या मिठाई खाने से बवासीर होता है?

बवासीर में मीठा खाना चाहिए या नहीं कुछ लोगों को  मीठे को लेकर यह भ्रांति है कि बवासीर रोग में 

मीठा खाना चाहिए या नहीं यह  क्वेश्चन शायद इसलिए भी महत्वपूर्ण  है क्योंकि  लोग इस गलतफहमी को मन 

में बैठा लेते हैं कि मीठा खाने से बवासीर रोग और  बढ़ जाएगा अगर आपके मन में  इस प्रकार का कोई 

क्वेश्चन है तो आप इस पोस्ट में यह जान पाओगे कि मीठा खाने से बवासीर रोग में क्या लाभ है और क्या हानि है

बवासीर में मीठा खाना चाहिए या नहीं

बवासीर होने पर मीठा खाने को लेकर कोई निश्चित नियम नहीं है बवासीर रोग में मीठा खाने से कोई   

नुकसान नहीं होता क्योंकि मीठे पदार्थ गुलकोज का प्रारंभिक रूप होते हैं जो कि शरीर में पचने के बाद 

गुलकोज का रूप धारण कर लेते  है जिससे हमारे शरीर को एनर्जी मिलती है हालांकि कुछ लोगों के लिए 

मीठा खाने से बवासीर की समस्या बढ़ सकती है और कुछ लोगों के लिए इसका कोई असर नहीं होता है। 

अगर आपको बवासीर है और मीठा खाने के बाद आपको परेशानी होती है तो आपको मीठा खाने से बचना चाहिए या इसकी मात्रा सीमित कर देनी चाहिए।

लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि किस प्रकार का मीठा खाने से बवासीर  बढ़ सकती है और 

किस प्रकार का मीठा खाने से बवासीर रोग में कोई असर नहीं होता

अगर बवासीर का रोग मीठा खाने से बढ़ता है तो हो सकता है कि वह मीठा ऐसा हो जिसमें अधिक मात्रा में 

चीनी मिली हो और चीनी स्वास्थ्य के लिए वैसे भी लाभदायक नहीं होती हां लेकिन कुछ कंडीशन में चीनी 

को खाने से इग्नोर नहीं किया जा सकता लेकिन  जहां तक बात है चीनी खाने की अगर इससे बने हुए पदार्थ  

जैसे कि रसगुल्ला, चाय, कॉफी पकवान अगर व्यक्ति  खाता है और उसे बवासीर रोग है  तो निश्चित ही उसका   रोग बढ़ सकता है

लेकिन अगर वहीं पर ऐसा मीठा खाया जाए जो प्राकृतिक हो तो ऐसे मे बवासीर रोग होने की संभावना 

बिल्कुल भी नहीं होती उदाहरण के तौर पर मीठे फल ले सकते हैं और गुड जो कि मीठा होता है लेकिन चीनी से 

कहीं अधिक गुणकारी होता है और बवासीर  रोग में नुकसान नहीं होने देता और अगर आप गन्ने का सेवन करते हैं और इसका रस पीते हैं तो यह बहुत फायदेमंद 

होगा गन्ने का रस शरीर को तुरंत एनर्जी देता है। इसके अलावा आप गुड़ या शक्कर से बना गेहूं का दलिया का भी सेवन कर सकते हैं जो कि बहुत ही पौष्टिक और फाइबर से भरपूर होता है

इसलिए अगर आपको  बवासीर है और मीठा खाने का मन करे तो कोशिश करें कि प्राकृतिक मीठा ही खाएं 

जैसे कि फल, गन्ना गुड़ , शक्कर इस तरह खाने से आपको कोई भी समस्या नहीं होगी  बल्कि आपको  इन सभी से फायदा ही होगा

मीठा वास्तव में क्या हैं

मीठा वास्तव में क्या है कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि सिर्फ जो स्वाद में मीठा लगे वही मीठा होता है लेकिन ऐसा नहीं है मीठा वास्तव में एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होता है जो की विभिन्न रूपों में पाया जाता है जैसे कि ग्लूकोस फ्रुक्टोज, स्टार्च,  लेकिन  इन सभी का पाचन अंतिम रूप में ग्लूकोज के रूप में ही होता है और ग्लूकोज हमारे शरीर में ऊर्जा प्रदान  करता हैं

कार्बोहाइड्रेट की जानकारी

कार्बोहाइड्रेट एक प्रकार का पोषण घटक है जो खाद्य पदार्थों में पाया जाता है और हमारे शरीर के लिए मुख्य ऊर्जा स्रोत के रूप में काम करता है। 

कार्बोहाइड्रेट के मुख्य स्रोत हैं:

साधारण चीनी (सुक्रोज) – जैसे चीनी, गुड़,शक्कर  आदि।

स्टार्च(मण्ड) - जैसे आलू, चावल, गेहूं, आदि।

फ्रुक्टोज: फ्रुक्टोज फलो में पाई जाती है जो की सबसे मीठी कार्बोहाइड्रेट होती है इसी कारण फल मीठे लगते हैं

कार्बोहाइड्रेट का प्राथमिक कार्य ऊर्जा प्रदान करना है, लेकिन वे इसमें भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:

शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत प्रदान करना

कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता आपकी उम्र, जीवनशैली और शारीरिक गतिविधि पर निर्भर करती है। 

स्वस्थ भोजन के लिए आपको अपने आहार में सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट शामिल करना चाहिए। 

अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन डायबिटीज का कारण बन सकता है  

पाइल्स की महत्वपूर्ण जानकारी और सामान्य सवाल जवाब जिसे आप जानकर बवासीर को जल्द से जल्द ठीक कर सकेंगे

 बवासीर क्या हैं (bawasir kya hota hai)

 बवासीर एक ऐसा रोग जो बहुत कष्टदायक  होता है।बवासीर या पाइल्स एक ऐसी स्थिति है जो गुदा के 

आसपास की नसों में सूजन के कारण उत्पन होती है। इस  कारण आंतरिक या बाहरी बवासीर हो जाती हैं और जो गुदा में दर्द, खुजली और अन्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

बवासीर के लक्षण में शामिल होते हैं: गुदा में दर्द या सूजन, खूनी दस्त, खुजली, गुदा में लटकते हुए मांस या अनुभूति का जैसे कुछ बाहर  आ रहा है।

इस रोग का उपचार व्यक्ति की स्थिति के अनुसार अलग-अलग होता है। इसके लिए दवाइयों, स्थानिक औषधियों, 

सुझावों और कुछ गंभीर मामलों में सर्जिकल इंटरवेंशन का भी उपयोग किया जा सकता है।

बवासीर रोग में 4 ग्रेड होते हैं जो कुछ इस प्रकार है

प्रथम ग्रेड: यह सबसे  सामान्य बवासीर की अवस्था होती है इसमें मस्से गुदा क्षेत्र के अंदर होते हैं जोकि दिखाई नहीं 

देते या सबसे सामान्य प्रकार की बवासीर  होती है जिसका इलाज बहुत जल्दी हो जाता है इसमें कुछ घरेलू नुस्खे और कब्ज को रोककर इलाज किया  जाता हैं

दूसरा ग्रेड: यह बवासीर की दूसरी अवस्था होती  हैं जिसमें मल त्याग के समय मस्से  बाहर आ जाते हैं और मल त्यागने के बाद अपने आप अंदर चले  जाते है 

तीसरा ग्रेड:यह बवासीर की तीसरी अवस्था होती हैं जिसमें मल त्याग के समय मस्से बाहर तो आ जाते है लेकिन 

आसनी से अन्दर नही जाते इसलिए मस्सों को हाथों के सहारे अन्दर करना होता है 

चौथा ग्रेड: बवासीर की चौथी अवस्था जिसमें  मस्से गुदा क्षेत्र के बाहर ही रहते है और जो कोशिश करने से भी अन्दर नही जाते  

बवासीर रोकने के उपाय 

बवासीर को रोकने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं: स्थिर शरीरिक गतिविधियों से बचें, बहुत 

अधिक बैठने से बचें, भारी वस्तुओं को न उठाएं, तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें और अपने आहार में फल, सब्जियां ले

बवासीर की दवाई

पाइल्स का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि यह किस ग्रेड का है। बवासीर मुख्य रूप से दो प्रकार की होती 

है - आंतरिक और बाहरी बवासीर। नीचे दिए गए उपायों को आजमाकर आप बवासीर से राहत पा सकते हैं।

आंतरिक बवासीर के लिए उपचार

फाइबर युक्त भोजन जैसे फल, सब्जियां, अनाज आदि लें।

दिन में कम से कम दो लीटर पानी पिएं।

बैठने के लिए खराब कुर्सी नहीं होनी चाहिए

री बवासीर के लिए उपचार

पहले यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं आप गुदा विदर या कैंसर जैसी  किसी अन्य समस्या का कारण तो नहीं बन रहे हैं।

अंत में दबाव कम करने के लिए बैठते समय एक तौलिया या सीट  का प्रयोग करें।

गुनगुने पानी में नमक मिलाकर तौलिये से बवासीर वाली जगह को साफ करें।

बवासीर के लिए अन्य दवाई

 बवासीर के लिए कैप्सूल भी उपलब्ध  है, असरदार  और आसान भी है बवासीर के इलाज में कैप्सूल बहुत ही 

महत्वपूर्ण है बवासीर के लिए अनेक प्रकार के आपको कैप्सूल  मिल जाएगें  कैप्सूल में कौन सा बढ़िया है और 

कौन सा नही  इसका अंदाजा तो लोगों के रिव्यू  पढ़कर भी पता लगाया जा सकता है फिर भी कुछ कंपनियों के 

कैप्सूल का जिक्र इस पोस्ट में करेंगे जो आपके  लिए  बहुत ही लाभदायक होगी 

P-6 कैप्सूल   

बवासीर के लिए p-6 कैप्सूल  काफी असरदार माना जाता है और यह आयुर्वेदिक भी है  आप बवासीर  को ठीक करने 
के लिए इस कैप्सूल का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन अगर आपको अंदरूनी जख्म, जलन इस तरह की समस्या  भी है 

तो आप ऑइंटमेंट का  भी यूज करें करें इससे आपको बहुत ही जल्दी फायदा होगा 

अर्शकल्प कैप्सूल 

वेद ऋषि का अर्शकल्प कैप्सूल  बवासीर में बहुत ही असरदार कैप्सूल है इसके साथ ही आपको क्रीम  भी मिल 

जाती है जिससे बवासीर ठीक करने बहुत ज्यादा हेल्प हो जाती है

आप बवासीर के इलाज में इन दवाइयों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं

वैद्यनाथ बवासीर की दवा

सबसे पहले हम वैघनाथ  की ओर से आने वाली दवाई sidpiles के बारे में बात करेंगे जैसा कि आप लोग 

जानते होंगे बैद्यनाथ कंपनी आयुर्वेदिक दवा से बीमारियों का इलाज करती हैं और sidpiles  भी एक आयुर्वेदिक 

दवा है जिसमें आपको बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधियां मिलेंगे जो एक खास अनुपात में मिलाकर बनाई गई हैं और 

यह दवा आपके बवासीर को ठीक करने में बहुत ही मददगार सिद्ध होगी

बवासीर में मीठा खाना चाहिए या नहीं। क्या मिठाई खाने से बवासीर होता है?

इस में उपयोग होने वाली सामग्री

खाश (सुगंधावाला),बकायन मगज, कहरवा पिष्टी, कुटकी, खुनखरबा (लालबोल) हीराबोल, बहेड़ा छिल्का, हरड़ बड़ी 

(हरितकी) आंवला  काली, स्फटिक भस्म, नागकेशर, रसोंत, सूरन, जामिन कांडा (सुखा),निम्बोल

खुराक लेने का तरीके

आयुर्वेदिक दवा को लेना बहुत ही आसान होता है क्योंकि लगभग जितनी भी आयुर्वेदिक दवाई होती हैं उनमें से 

ज्यादा दवा पर उनके लेने का तरीका और उन्हें कितनी मात्रा में लेना है यह लिखा होता है ऐसे ही sidpiles पर 

भी आपको ऐसे ही देखने को मिलेगा आप इसकी फोटो देखकर समझ सकते हैं कि आपको या दवाई कैसे और कितनी मात्रा में लेनी है

Vokin Biotech Piles care capsule

बवासीर में मीठा खाना चाहिए या नहीं। क्या मिठाई खाने से बवासीर होता है?

पाइल्स केयर में सक्रिय सामग्री:

जिमिकंद एक्सट्रैक्ट,खुस,हरिताकी एक्सट्रैक्ट,विभिताकी एक्सट्रैक्ट
इसके अलावा नीम और त्रिफला का यूज  भी किया गया है वयस्क लोग यूज कर सकते है यह दवा कैप्सूल के रुप में 

मिलती है इस दवा का कोई भी साइड इफेक्ट्स देखने को  नही मिलता क्योंकि यह पूरी तरह से आयुर्वेदिक दवा है 

फायदे:

 त्रिफला, जीमीकंद, त्रिकातु जो पाचन स्वास्थ्य में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं

नीम जलन से राहत प्रदान करने में मदद करता है और रोगाणुरोधी एजेंट के रूप में भी काम करता है।

कब्ज को रोकता है और बवासीर को दोबारा होने से रोकने में मदद करता है। पाचन में सुधार, सूजन को कम करने में मदद करता है

हिमालय बवासीर की दवा

बवासीर के इलाज में एक  अच्छी  दवा जो हिमालय   कंपनी की ओर से बनाई गई है हिमालय कंपनी भी एक 

दवा कंपनी है जो विभिन्न रोगों के उपचार के लिए दवाइयां और अन्य स्वास्थ्य उत्पाद का निर्माण करती है हिमालय 

कंपनी की और जानेवाली हिमालय पाइल्स आपके बवासीर में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी आप इसका यूज कर कर देख सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं

बवासीर में मीठा खाना चाहिए या नहीं। क्या मिठाई खाने से बवासीर होता है?

पतंजलि बवासीर की दवा।

अगर बात करें हम बवासीर के इलाज की तो फिर पतंजलि कैसे पीछे हट सकता है पतंजलि में भी इसके लिए अनेक 

प्रकार की दवाई उपलब्ध है चाहे वह घरेलू आयुर्वेदिक और चाहे कोई घरेलू नुस्खा और फिर योग के द्वारा भी बवासीर 

को बाबा रामदेव के द्वारा ठीक करने के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं हां वह बात अलग है के इन से कुछ लोगों को 

आराम नहीं होता लेकिन जब किसी तक किसी चीज को आजमाया  नहीं जाता तब तक उसके बारे में कुछ गलत 

नहीं कहा जा सकता अगर आपको भी बवासीर काफी ज्यादा परेशान कर रही है तो आप बाबा रामदेव के द्वारा बताए की दवा उपयोग कर सकते है 

बवासीर की दवा पतंजलि में क्या है, अगर देखा जाए तो अर्शकल्प वटी बवासीर के लिए इस्तेमाल होने वाली 

एक बहुत अच्छी दवाई है और यह दवाई बवासीर के इलाज में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होती है इस बात का जिक्र कई 

बार बाबा रामदेव ने स्वयं किया  है इस वीडियो में देख सकते हैं इसके इसके साथ साथ आप पतंजलि त्रिफला चूर्ण 

का भी यूज कर सकते हैं जो आपके बवासीर में बहुत ज्यादा फायदा पहुंचाएगा त्रिफला लेने से पेट आसानी से 

साफ होता है और यह पेट में कब्ज भी नहीं बनने देता इसलिए कब्ज को रोकने में त्रिफला चूर्ण बहुत ही महत्वपूर्ण है



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