सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

फिटकरी से बवासीर का इलाज।क्या फिटकरी बवासीर के लिए अच्छी है?

फिटकरी से बवासीर का इलाज कैसे करें. इस पोस्ट में हम फिटकरी से बवासीर के इलाज  के बारे में जानेंगे  

और जानेंगे फिटकरी के अन्य लाभ जो आपके बहुत से रोगों में लाभदायक सिद्ध हो सकती है 

फिटकरी क्या है

फिटकरी एक प्रकार का खनिज है जो स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होता है। 

फिटकरी रंगहीन क्रिस्टलीय पदार्थ है फिटकरी का अणु सूत्र:  K2SO4.Al2(SO4)3.24H2O  

रासायनिक नाम: पोटैशियम एलुमिनियम सल्फेट साधारण नाम: फिटकरी या पोटाश ऐलम या ऐलम

फिटकरी के उपयोग

इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, इसका उपयोग चेहरे की सफाई के लिए किया जाता है, 

जिसका उपयोग जल संरक्षण के लिए किया जाता है और अन्य उद्देश्यों के लिए भी उपयोग किया जाता है। 

फिटकरी का सबसे अच्छा प्रयोग रक्त को थक्का बनाने में किया जाता है 

आपने अक्सर देखा भी होगा कि जब नाई की दुकान पर रक्त से कटने पर फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है फिटकरी रक्त को रोकने में सहायक होता है

फिटकरी से बवासीर का इलाज

फिटकरी बवासीर के लिए भी एक प्राकृतिक उपचार हो सकता है, जो अल्पकालिक लाभ प्रदान कर सकता है। यह बवासीर के घरेलू उपचारों में से एक है।

फिटकरी का उपयोग करने के लिए आप निम्न चरणों का पालन कर सकते हैं

फिटकरी को पानी में घोलकर अच्छी तरह मिला लें।

इस मिश्रण को एक छोटे कप में भर लें।

इस मिश्रण में एक टिश्यू डुबोएं और इसे निचोड़ लें।

अब टिश्यू को पाइल्स वाली जगह पर लगाएं। यदि आपको बवासीर के दो स्तर हैं तो आप इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं। 

आप इसे हर दिन कर सकते हैं या जब भी आप असहज महसूस करें।

इसे अच्छे से भीगने दें।

फिटकरी का प्रयोग बवासीर का एक संभावित इलाज हो सकता है,  

बवासीर के बारे में और  जानकारी

बवासीर क्या होता है

पाइल्स, जिसे बवासीर भी कहा जाता है, वास्तव में मलाशय के गुदा क्षेत्र में होने वाली एक आम स्वास्थ्य समस्या है। यानी गुदा क्षेत्र में सूजी हुई  नसें

इसके मुख्य कारणों में ये शामिल हो सकते हैं:

(1) कब्ज के कारण गुदा क्षेत्र में दबाव बढ़ जाता है, जिससे बवासीर हो सकता है

(2) भारी सामान उठाने के कारण, जैसे बड़ी भारी वस्तुएं उठाना

(3) अत्यधिक व्यायाम करने पर गुदा क्षेत्र में दबाव बढ़ सकता है।

(4) अत्यधिक बैठे रहने की आदतें बवासीर का कारण बन सकती हैं, क्योंकि इससे गुदा क्षेत्र पर दबाव पड़ सकता है।

(5) बहुत मसालेदार और कम फाइबर वाला खाना जो लोग बहुत अधिक मसालेदार खाना खाते हैं उनमें बवासीर होने की संभावना अधिक हो सकती है क्योंकि इससे पेट में दबाव बढ़ सकता है।

(6) गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के समय, गुदा क्षेत्र में दबाव बढ़ सकता है, जिससे बवासीर हो सकता है।

(7) ऐसे महिला -पुरुष जो 50 वर्ष से अधिक आयु के हो

बवासीर के लक्षण 

 मल में रक्त 

गुदा क्षेत्र में दर्द  

और खुजली शामिल हो सकती  हैं।

बवासीर को रोकने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं: 

स्थिर शरीरिक गतिविधियों से बचें, 

बहुत अधिक बैठने से बचें, 

भारी वस्तुओं को न उठाएं, 

तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें

 अपने आहार में फल, सब्जियां ले

बवासीर की दवाई

पाइल्स का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि यह किस ग्रेड का है। बवासीर मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है - आंतरिक और बाहरी बवासीर। 

नीचे दिए गए उपायों को आजमाकर आप बवासीर से राहत पा सकते हैं।

आंतरिक बवासीर के लिए उपचार

फाइबर युक्त भोजन जैसे फल, सब्जियां, अनाज आदि लें।

दिन में कम से कम दो लीटर पानी पिएं।

बैठने के लिए खराब कुर्सी नहीं होनी चाहिए

दवा के रूप में लैक्टुलोज लें। इसका उपयोग डायरिया-रोधी दवाओं में किया जाता है।

बाहरी बवासीर के लिए उपचार

पहले यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं आप गुदा विदर या कैंसर जैसी  किसी अन्य समस्या का कारण तो नहीं बन रहे हैं।

अंत में दबाव कम करने के लिए बैठते समय एक तौलिया या सीट  का प्रयोग करें।

गुनगुने पानी में नमक मिलाकर तौलिये से बवासीर वाली जगह को साफ करें।

बवासीर के लिए अन्य दवाई

हर्बल औषधियां : त्रिफला चूर्ण,इसबगोल, आदि कुछ हर्बल औषधियां बवासीर के इलाज में उपयोगी होती हैं। 

ये दवाएं बवासीर को कम करने में मदद करती हैं और आपके पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखती हैं।

 दर्द और सूजन को कम करने वाली दवा ले जो टेबलेट के रूप में उपलब्ध होती है

आयुर्वेदिक दवाएं - त्रिफला, अर्शहर चूर्ण, सुध त्रिफला चूर्ण और कुछ ऐसी आयुर्वेदिक दवाएं हैं जो बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं।

यह सलाह दी जाती है कि आप डॉक्टर से सलाह लें और वे आपको उपयुक्त दवाओं के बारे में मार्गदर्शन कर सकते हैं 

जो आपके लिए सबसे अधिक उपयोगी होंगी। इसके अलावा, आप संतुलित आहार और व्यायाम के जरिए बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

आप बवासीर के इलाज में इन दवाइयों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं

हिमालय बवासीर की दवा

बवासीर के इलाज में एक  अच्छी  दवा जो हिमालय   कंपनी की ओर से बनाई गई है 

हिमालय कंपनी भी एक दवा कंपनी है जो विभिन्न रोगों के उपचार के लिए दवाइयां और अन्य स्वास्थ्य उत्पाद का निर्माण करती है 

हिमालय कंपनी की और जानेवाली हिमालय पाइल्स आपके बवासीर में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी आप इसका यूज कर कर देख सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं

फिटकरी से बवासीर का इलाज।क्या फिटकरी बवासीर के लिए अच्छी है?

डॉ. वैद्य की आयुर्वेदिक पाइल्स केयर

बवासीर के लिए एक दीर्घकालिक आयुर्वेद समाधान डॉ. वैद्य की आयुर्वेदिक पाइल्स केयर बवासीर और फिशर के लिए एक आयुर्वेदिक दवा है। 

बवासीर के लिए इन अनूठे आयुर्वेदिक कैप्सूल में हरीतकी, अरगवद, महानिंब, सूरन, दारुहरिद्रा और नागकेसर 

जैसे 11 प्राकृतिक तत्व होते हैं जो बवासीर ठीक करने में मदद करते हैं।

फिटकरी से बवासीर का इलाज।क्या फिटकरी बवासीर के लिए अच्छी है?

बवासीर के लक्षणों (दर्द, सूजन, रक्तस्राव, आदि) से राहत मिलती है: डॉ. वैद्य केयर, एक आयुर्वेदिक दवा में सूजन-रोधी, दर्द-निवारक जड़ी-बूटियाँ जैसे अरगवद, महानिंब और सूरन शामिल हैं। 

ये जड़ी-बूटियाँ सूजन को कम करती हैं और बवासीर के कारण होने वाले दर्द, खुजली और जलन से राहत देती हैं।

मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद करता है: डॉ. वैद्य पाइल्स केयर में प्राकृतिक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं जो कठोर मल को नरम करती हैं,

 आंतों की गतिशीलता को बढ़ाती हैं, और कब्ज से राहत देने के लिए दर्द रहित, चिकनी और संतोषजनक मल त्याग सुनिश्चित करती हैं। 

और मल त्याग को नियमित करने में भी मदद करती  हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आंतों पर कम दबाव  पड़े जिससे कारण बवासीर की पुनरावृत्ति हो सकती है। 

प्राकृतिक जड़ी बूटी अपच, गैस और बवासीर से जुड़ी सूजन से राहत प्रदान करने के लिए पाचन तंत्र को पुनर्जीवित करती है।

रक्तस्राव रोकती है और घाव भरने में मदद मिलती है: बवासीर के लिए इस आयुर्वेदिक दवा में रोगाणुरोधी और घाव भरने वाले गुण होते हैं, 

जिससे  उपचार प्रक्रिया में सहायता मिलती है और रक्त केशिकाओं को संकुचित करने में मदद करता है, रक्तस्राव को रोकता है  

खुराक लेने का तरीका: 1 से 2 कैप्सूल दिन में दो बार भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ या चिकित्सक के निर्देशानुसार लें। सर्वोत्तम परिणामों के लिए 3 महीने तक  लगातार उपयोग करें।

पतंजलि बवासीर की दवा।

अगर बात करें हम बवासीर के इलाज की तो फिर पतंजलि कैसे पीछे हट सकता है पतंजलि में भी इसके लिए अनेक प्रकार की दवाई उपलब्ध है 

चाहे वह घरेलू आयुर्वेदिक और चाहे कोई घरेलू नुस्खा और फिर योग के द्वारा भी बवासीर को बाबा रामदेव के द्वारा ठीक करने के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं 

 हां वह बात अलग है के इन से कुछ लोगों को आराम नहीं होता लेकिन जब किसी तक किसी चीज को आजमाया  नहीं जाता 

तब तक उसके बारे में कुछ गलत नहीं कहा जा सकता अगर आपको भी बवासीर काफी ज्यादा परेशान कर रही है तो आप बाबा रामदेव के द्वारा बताए की दवा उपयोग कर सकते है 

बवासीर की दवा पतंजलि में क्या है, अगर देखा जाए तो अर्शकल्प वटी बवासीर के लिए इस्तेमाल होने वाली एक बहुत अच्छी दवाई है 

और यह दवाई बवासीर के इलाज में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होती है इस बात का जिक्र कई बार बाबा रामदेव ने स्वयं किया  है 

इसके इसके साथ साथ आप पतंजलि त्रिफला चूर्ण का भी यूज कर सकते हैं जो आपके बवासीर में बहुत ज्यादा फायदा पहुंचाएगा 

त्रिफला लेने से पेट आसानी से साफ होता है और यह पेट में कब्ज भी नहीं बनने देता इसलिए कब्ज को रोकने में त्रिफला चूर्ण बहुत ही महत्वपूर्ण है

दूध से बवासीर का इलाज व नींबू से बवासीर का इलाज 

 दूध से और नींबू से बवासीर का इलाज करने के लिए आपको यह घरेलू उपाय करना चाहिए इससे आपका बवासीर बाबा रामदेव के अनुसार बिल्कुल ठीक हो जाएगा 

और अगर आपका बवासीर  कुछ भी नहीं ठीक होता  है तो आप आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज करें।

इसके लिए सुबह खाली पेट ताजा दूध लेकर ध्यान रखें की दूध गर्म ना हो उसमें नींबू निचोड़ ले और उसे एकदम से पी जाए इस तरह से आपको लगभग एक सप्ताह तक करना है और आपकी खूनी बवासीर की समस्या समाप्त हो जाएगी  

FAQ: 

बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं

बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं इसको जानना बहुत जरूरी होता है 

अगर आप बवासीर रोग से पीड़ित हैं तो, हमारे भारत और दुनिया में बहुत ज्यादा मात्रा में चावल  खाया जाता हैं 

और बवासीर का रोग भी  बहुत लोगों को है ऐसे में चावल कैसे खाएं और कितना खाएं यह जानना बहुत जरूरी है 

क्योंकि बवासीर में कब्ज  बहुत   ज्यादा होती है बवासीर को ठीक करना है 

तो कब्ज को पहले ठीक करना होगा और कब्ज को ठीक करने के लिए आपको अपने खान-पान में सुधार करना होगा 

आपको ऐसी चीजें खानी  होंगी जो कब्ज को रोकने में सहायक होती है

चावल कब्ज करता हैं अगर आप चावल को ठीक ढंग से और संतुलित मात्रा में खाते हैं 

तो आपको इससे कोई नुकसान नहीं होगा और अगर संतुलित मात्रा में नहीं खाते तो आप कब्ज की समस्या को जन्म दे सकते हैं 

जिसके कारण आपकी बवासीर ठीक होने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो सकती हैं अगर आप चावल को मीठी वस्तु के साथ खाते हैं 

तो आप यह समझ ले कि आप फाइबर मुक्त खाना खा रहे हैं और अगर आप चावल को हरी सब्जी के साथ खा रहे हैं 

तो आप यह समझे कि आप फाइबर युक्त खाना खा रहे हैं फाइबर का मतलब रेशे वाला भोजन   जिसके कारण हमारा मल आसानी  से बाहर निकलता हैं  

और यही स्थिति चावल के साथ देखने को मिलती है चावल में  बहुत कम मात्रा में फाइबर होता है 

और या यूं कहें कि लगभग होता ही नहीं है लेकिन आज भिन्न भिन्न प्रकार के चावल देखने को मिलते हैं 

और बहुत सी  ऐसी  किस्में होती है चावल की जिनमें बहुत कम मात्रा में है या थोड़ा बहुत फाइबर देखने को मिलता है 

अगर विकिपीडिया के अनुसार देखें तो लंबे चावलों में लगभग 100 ग्राम चावल में 0.0 4 ग्राम फाइबर होता है जो कि बहुत ही कम होता है 

और यही कारण होता है कि बवासीर जैसे रोग में चावल को खाने की सलाह नहीं दी जाती हां थोड़ा बहुत चावल जरूर खा सकते हैं 

लेकिन अधिक मात्रा में अधिक मात्रा में चावल का सेवन नहीं करना चाहिए और अगर चावल का सेवन करना ही है तो फिर चावल का सेवन हरी पत्तेदार सब्जियां जो होती हैं उनके साथ करना चाहिए 

क्योंकि हरी सब्जियां फाइबर की उच्च स्त्रोत होती है और इन में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है 

जैसे गोभी की सब्जी भिंडी की सब्जी लौकी की सब्जी ऐसी सब्जी होती हैं जिनमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है 

इस तरह अगर आप उच्च फाइबर युक्त सब्जियों के साथ  चावल का सेवन करते हैं 

तो आपको  कब्ज की समस्या नहीं रहेगी और आपको बवासीर में भी आराम मिलेगा

बवासीर में ईसबगोल के फायदे क्या है

बवासीर में ईसबगोल  के बहुत फायदे हैं इसबगोल का मतलब ईसबगोल की भूसी जो कि इसके बीज का 

छिलका होता है ईसबगोल कब्ज के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है अगर किसी व्यक्ति को बवासीर नहीं भी है तो भी उसे इसबगोल का प्रयोग करना चाहिए 

ज्यादा नहीं तो हफ्ते में एक से दो बार, क्योंकि इसबगोल में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है और बिना 

फाइबर के हमारे पेट में कब्ज बनने लगती है और जिन लोगों को बवासीर रोग पहले से ही है उन लोगों को 

ईसबगोल  का सेवन करने से बहुत फायदा होगा  इसके सेवन की बात करें तो ईसबगोल की भूसी का सेवन 

अधिकतर  रात के समय किया जाता है और रात के समय प्रयोग करना ज्यादा लाभकारी होता है

बवासीर में चिकन खाना चाहिए या नहीं 

अगर आप मांसाहारी है और अंडा, मुर्गा, मछली  खाना पसंद करते हैं और आपको बवासीर  रोग हैं 

तो फिर आपको ये चीजें नहीं खानी चाहिए क्योंकि ये ऐसी चीजें है जो  बवासीर को ज्यादा बढ़ा देती है 

जिसके कारण बवासीर  रोग जल्दी से ठीक नहीं होगा आपने एक बात अवश्य देखी होगी  

जब भी चिकन बनाया जाता  है तो उसमें बहुत ज्यादा मात्रा में तेल और मसालों का प्रयोग किया जाता है 

जो कि बवासीर के रोगी के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं हैं 

चिकन में फाइबर नहीं पाया जाता इसलिए बवासीर के रोगी को चिकन नहीं खाना चाहिए 

बवासीर में केले के फायदे क्या हैं

बवासीर में केले के फायदे है आप चाहे सब्जी के रूप में खाएं या फिर पकाकर देखा जाए तो केला अधिकतर पका हुआ ही खाया जाता हैं 

केले में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं और साथ ही साथ इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर (रेशे) भी पाया जाता है जो बवासीर रोगियों के लिए फायदेमंद होता है

बवासीर में बादाम खाएं या ना खाएं  

बवासीर में बादाम  खाना चाहिए या फिर नहीं अगर आपके मन में यह प्रश्न  है तो आपको यह बात अच्छे से समझ लेनी चाहिए कि बादाम  से बवासीर रोग  ठीक नहीं होगा
चाहे आप बादाम  कम मात्रा में खाएं या फिर अधिक मात्रा में लेकिन अगर आप

 बादाम किसी और स्वास्थ्य लाभ के लिए खाना चाहते हैं तो फिर आप बादाम  का सेवन कर सकते हैं 

बादाम से अगर बवासीर में कोई फायदा नहीं हुआ तो इससे नुकसान भी नहीं होगा 

अगर हम  फाइबर  की बात करें तो विकिपीडिया के अनुसार 

 100 ग्राम बादाम में लगभग 10 से 12 ग्राम फाइबर  पाया जाता है यह बादाम की क्वालिटी के ऊपर निर्भर करता है यह कम और ज्यादा भी हो सकता है  

इस फाइबर की मात्रा को हम बवासीर रोगियो के  लिए ज्यादा अच्छा तो नहीं कह सकते 

क्योंकि बवासीर के रोगियों को उच्च फाइबर युक्त वाले भोजन की

 आवश्यकता ज्यादा होती है ऐसे में आप अगर बादाम का सेवन करना चाहते है  

तो आप सेवन कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे आप बादाम का सेवन अधिक मात्रा में ना करें क्योंकि अगर आप अधिक मात्रा में सेवन करते है 

तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे शरीर में अत्यधिक गर्मी,खुजली होना 

बवासीर में चाय पीएं या ना पीएं

बवासीर में चाय पीनी चाहिए या नहीं? चाय  कभी-कभी नुकसान देती हैं  चाय पेट में कब्ज करती है 

जिसके  कारण मल त्यागने में बहुत समस्या होती है और यह बवासीर को जल्दी से ठीक नहीं होने देती, 

बवासीर मैं कब्ज  को रोकना बहुत जरूरी होता है और अगर आप 

चाय अधिक पीते हैं तो आपको कब्ज  जैसी परेशानी देखने को मिलेंगी अगर आप चाहते हैं 

कि आपकी  बवासीर जल्द से जल्द ठीक  हो जाए तो आपको चाय नही पीनी चाहिए  

बवासीर में गर्म पानी पीने के फायदे 

बवासीर में गर्म पानी पीने के क्या फायदे होते हैं कुछ लोगों को लगता है कि बवासीर में गर्म पानी पीने से बहुत फायदा होता है 

लेकिन यह धारणा बहुत गलत होती है क्योंकि गर्म पानी से कोई फायदा नहीं होता है और इसमें रेशे नहीं होते हैं 

यह सामान्य पानी की तरह होता हैं कभी-कभी ऐसा लगता है कि गर्म पानी पीने से कब्ज की समस्या नहीं बनेगी 

लेकिन ऐसा नहीं है अगर आप गर्म पानी की जगह ठंडा पानी या फिर गुनगुने पानी का भी सेवन करते हैं 

तो यह कब्ज की समस्या में लाभदायक होता है लेकिन गरम पानी पीने से ज्यादा फायदा होगा 

ऐसा नहीं होता क्योंकि जब हम गर्म पानी पीते हैं तो  आधे से ज्यादा पानी हमारे मुंह में ही  ठंडा हो जाता है 

और इस तरह वह हमारे पेट में गुनगुने पानी की तरह ही काम करता है 

इसलिए आप गर्म पानी की जगह गुनगुने पानी का ही सेवन करें तो आपको बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे

बवासीर में रोटी खानी चाहिए या नहीं?

बवासीर में रोटी खानी चाहिए या नहीं यह जरूरी और बहुत ही महत्वपूर्ण क्वेश्चन है क्योंकि रोटी तो हम आप सभी खाते हैं लेकिन बवासीर में किस प्रकार की रोटी खानी चाहिए 

जिससे हमें फायदा हो और बवासीर बहुत जल्दी ठीक हो जाए क्योंकि  रोटी कौन सी खानी चाहिए इसका आपको पता होना 

चाहिए अपने दैनिक जीवन में कई प्रकार के रोटी खाते हैं जैसे गेहूं की रोटी मक्का की रोटी, 

चावल की  रोटी , ज्वार की रोटी लेकिन सबसे ज्यादा गेहूं की रोटी खाई 

जाती हैं सबसे बेस्ट रोटी चोकर के आटे की रोटी होती है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जिससे 

मल त्यागने में बहुत ज्यादा परेशानी नहीं होती और बवासीर रोगी को कब्ज में बहुत ज्यादा आराम होता हैं

क्या बवासीर में  मीठा खा सकते है  

बवासीर में मीठा खाने से कोई  हानि नही होती अगर वह सिमित मात्रा में खाया जाता है  अगर देखा जाए तो मीठा  अनेक तरह से खाया जाता है 

ज्यादातर मिठाई के जरिए और सीधे तोर पर भी खाया जाता इसमें  फाइबर नहीं  पाया जाता इसलिए  जितना हो सके मीठा  कम ही खाएं  

बवासीर में लहसुन कैसे  खाएं 

जहाँ तक बवासीर में लहसुन  खाने की बात है तो लहसुन का प्रयोग कम ही करना चाहिए 

चाहे आप बवासीर में करें या फिर सामान्य रूप से करें 

ऐसा माना जाता है कि लहसुन की एक या दो कली ही व्यक्ति को 

खानी चाहिए इससे ज्यादा खाने पर व्यक्ति को अनेक प्रकार की परेशानी हो सकती है अगर आप बवासीर में 

लहसुन खाना चाहते हैं तो बहुत सीमित मात्रा में लहसुन की 1 या 2 कली का ही प्रयोग करें इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा

क्या मेथी बवासीर के इलाज में फायदेमंद है  

मेथी से बवासीर का पूरा इलाज नहीं हो सकता लेकिन इससे फायदा जरुर हो सकता है बादी बवासीर में, 
खूनी बवासीर में लाभ नहीं होगा 

बादी बवासीर की समस्या  है तो इस प्रयोग को कर सकते हैं इसके लिए 4 से 5 ग्राम 

या फिर चुटकी भर मेथी रात को पानी में भिगोकर रख दे और सुबह पानी  को पी ले और मेथी के दानो को भी चबाकर खा जाए ऐसा करने से बवासीर मे फायदा होगा 

और पेट में बनने वाली कब्ज से भी राहत मिलेगी मेथी थोडी कड़वी लगती है 

आप स्वाद के अनुसार इसमेंं गुड या शक्कर मिला सकते हैलेकिन क्या ऐसा करने से 

फायदा होगा हमें  लगता है कि आप इस तरह के घरेलू उपाय के ही भरोसे मत बैठे अन्य दवाई भी साथ मे लेते रहे

बवासीर रोग कितने दिन में ठीक होता है

बवासीर कितने दिन में ठीक होता है कोई भी रोग रोगी पर निर्भर करता है कि रोग कितने दिन में ठीक कराना चाहता है 

क्योंकि दवा अगर सही समय पर ना ली जाए और सही से  इलाज ना किया जाए तो रोग कितने दिन में  ठीक होंगा कुछ नहीं  कहा जा सकता 

लेकिन फिर भी अगर आप बवासीर का इलाज जल्दी से करना चाहते हैं तो इसमें थोड़ा समय लग सकता है या फिर 

आप आयुर्वेदिक दवा से करना चाहते हैं इसमे 15 से 30 दिन का टाइम भी लग सकता है 

 अगर आप सर्जरी के माध्यम से इसका इलाज करते हैं तो बवासीर 1 दिन में ठीक हो जाता है 

जो अच्छी बात है। इसलिए बवासीर रोग कितने दिन में ठीक होगा 

इसका सही सही अंदाजा तो रोगी व्यक्ति ही लगा सकता है, क्योंकि रोगी के सिवाए कोई नहीं बता सकता कि वह 

किस पद्धति से अपना इलाज कराना चाहता है।  और इसी पर निर्भर करता है कि बवासीर रोग कितने दिन में 

ठीक होगा सर्जरी के माध्यम से या फिर एलोपैथी या आयुर्वेदिक दवा से इलाज कराना चाहता है  

देखा जाए तो सर्जरी बवासीर में बहुत ही बढ़िया काम करती है और मात्र 1 दिन में ही रोगी रोग से मुक्त हो जाता है कुछ लोगों को सर्जरी शब्द बहुत ही भिन्न लग 

सकता है और उनके मन में ऐसा एहसास हो सकता है कि सर्जरी पता नहीं कैसा इलाज होगा लेकिन आपकी 

जानकारी के लिए बता दें कि लेजर  सर्जरी में विभिन्न तरंगों के द्वारा बवासीर का इलाज किया जाता है जो कि बिल्कुल सुरक्षित  है 

  बिना ऑपरेशन के बवासीर पूरी तरह से ठीक हो सकता हैं क्या?

जी हां, बवासीर को बिना ऑपरेशन के पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। 

बवासीर के इलाज के लिए कुछ घरेलू नुस्खे जिन्हें अगर समय पर अपनाया जाए तो बवासीर ठीक हो सकती है।बवासीर के कुछ उपाय इस प्रकार हैं:

ज्यादा पानी पीएं: डिहाइड्रेशन बवासीर के लक्षणों को और बढ़ा देता है अर्थात शरीर में पानी की कमी इसलिए रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पिएं।,

फाइबर से भरपूर आहार ले: फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से बवासीर के लक्षणों में सुधार होता है।

 बैठने की आदतों को बदलें: लंबे समय तक बैठे रहने से बवासीर के लक्षण बढ़ सकते हैं,

 इसलिए अपनी बैठने की आदतों को बदलने की जरूरत है। 

अगर आप अधिक समय तक बैठे रहते हैं तो बीच-बीच में थोड़ी देर चलते फिरते रहे और अगर आप 

अधिक समय तक ऐसा कोई काम करते हो जिसमें अधिक समय  खड़े रहते हैं तो फिर बीच-बीच में थोड़ी देर के लिए बैठ जाएं

बवासीर के लिए आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं का प्रयोग करें जो उपचार में सहायक हो सकती हैं।

बवासीर क्रीम और दवाओं का प्रयोग करें जो बवासीर के लक्षणों को कम कर सकते हैं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट