सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

पेशाब से बवासीर का इलाज।क्या पेशाब से बवासीर ठीक हो सकता है?

 पेशाब से बवासीर का इलाज सुनकर बहुत अच्छा लगता है 

लेकिन क्या  यह इतना आसान है क्योंकि मेरे हिसाब से अगर पेशाब से बवासीर का इलाज होता,

तो फिर लोग इतनी महंगी दवाई क्यों खाते और ऑपरेशन क्यों करवाते  बहुत बार देखा गया है 

कि ऑपरेशन करवाने के बाद भी बवासीर  ठीक नहीं होती और कुछ लोग यह मानते हैं कि पेशाब से बवासीर का  इलाज हो सकता है 

जो  मेरे हिसाब से बिल्कुल गलत है और आप भी इस तरह की जानकारी के चक्कर में ना पड़े 

और इस तरह कि बनी बनाई बातों पर विश्वास ना करे

 क्या है बवासीर

 बवासीर (Hemorrhoids) एक प्रकार का रोग है  जो बहुत पीड़ादायक होता है। 

यह रोग उन लोगों में अधिक होता है जो बैठे रहते हैं और शारीरिक श्रम नहीं करते हैं।

बवासीर के लक्षण में शामिल होते हैं: गुदा में दर्द या सूजन, खूनी दस्त, खुजली, 

गुदा में लटकते हुए मांस या अनुभूति कि कुछ बहर आ रहा है।

इस रोग का उपचार व्यक्ति की स्थिति के अनुसार अलग-अलग होता है। 

इसके लिए दवाइयों, स्थानिक औषधियों, सुझावों और कुछ गंभीर मामलों में सर्जिकल इंटरवेंशन का भी उपयोग किया जा सकता है।

बवासीर को रोकने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं: 

स्थिर शरीरिक गतिविधियों से बचें, 

बहुत अधिक बैठने से बचें, 

भारी वस्तुओं को न उठाएं, 

तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें

 अपने आहार में फल, सब्जियां ले

बवासीर की दवाई

पाइल्स का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि यह किस ग्रेड का है। 

बवासीर मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं

 आंतरिक बवासीर  

बाहरी बवासीर।

 नीचे दिए गए उपायों को आजमाकर आप बवासीर से राहत पा सकते हैं।

आंतरिक बवासीर के लिए उपचार

फाइबर युक्त भोजन जैसे फल, सब्जियां, अनाज आदि लें।

दिन में कम से कम दो लीटर पानी पिएं।

बैठने के लिए खराब कुर्सी नहीं होनी चाहिए

दवा के रूप में लैक्टुलोज लें। इसका उपयोग डायरिया-रोधी दवाओं में किया जाता है।

बाहरी बवासीर के लिए उपचार

पहले यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं आप गुदा विदर या कैंसर जैसी  किसी अन्य समस्या का कारण तो नहीं बन रहे हैं।

अंत में दबाव कम करने के लिए बैठते समय एक तौलिया या सीट  का प्रयोग करें।

गुनगुने पानी में नमक मिलाकर तौलिये से बवासीर वाली जगह को साफ करें।

बवासीर के लिए अन्य दवाई

 सिटिका: यह दवा एक सूजन-रोधी दवा है जो बवासीर के दर्द और सूजन को कम करती है।

पाइल्सन: यह एक होम्योपैथिक दवा है जो बवासीर के लक्षणों जैसे खुजली, दर्द और सूजन को ठीक करती है।

हर्बल औषधियां : आम, त्रिफला, नीम, आंवला आदि कुछ हर्बल औषधियां बवासीर के इलाज में उपयोगी होती हैं। 

ये दवाएं बवासीर को कम करने में मदद करती हैं और आपके पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखती हैं।

 दर्द और सूजन को कम करने वाली दवा ले जो टेबलेट के रूप में उपलब्ध होती है

आयुर्वेदिक दवाएं - त्रिफला, अर्शहर चूर्ण, सुध त्रिफला चूर्ण और कुछ ऐसी आयुर्वेदिक दवाएं हैं 

जो बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं।

यह सलाह दी जाती है कि आप डॉक्टर से सलाह लें 

और वे आपको उपयुक्त दवाओं के बारे में मार्गदर्शन कर सकते हैं 

जो आपके लिए सबसे अधिक उपयोगी होंगी। इसके अलावा, आप संतुलित आहार और व्यायाम के जरिए बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

वैद्यनाथ बवासीर की दवा

सबसे पहले हम वैघनाथ  की ओर से आने वाली दवाई sidpiles के बारे में बात करेंगे जैसा कि आप लोग जानते होंगे 

बैद्यनाथ कंपनी आयुर्वेदिक दवा से बीमारियों का इलाज करती हैं और sidpiles  भी एक आयुर्वेदिक दवा हैं

 जिसमें आपको बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधियां मिलेंगे जो एक खास अनुपात में मिलाकर बनाई गई हैं 

और यह दवा आपके बवासीर को ठीक करने में बहुत ही मददगार सिद्ध होगी

इस में उपयोग होने वाली सामग्री

खाश (सुगंधावाला)

बकायन मगज

कहरवा पिष्टी 

कुटकी 

बहेड़ा छिल्का 

हरड़ बड़ी (हरितकी) 

 स्फटिक भस्म 

नागकेशर 

सूरन

जामिन कांडा (सुखा)

निम्बोल

खुराक लेने का तरीके

आयुर्वेदिक दवा को लेना बहुत ही आसान होता है क्योंकि लगभग जितनी भी आयुर्वेदिक दवाई होती मैं

 उनमें से ज्यादा दवा पर उनके लेने का तरीका और उन्हें कितनी मात्रा में लेना है 

यह लिखा होता है ऐसे ही sidpiles पर भी आपको ऐसे ही देखने को मिलेगा आप इसकी फोटो देखकर समझ सकते हैं 

कि आपको या दवाई कैसे और कितनी मात्रा में लेनी है

हिमालय बवासीर की दवा

बवासीर के इलाज में एक  अच्छी  दवा जो हिमालय   कंपनी की ओर से बनाई गई है 

हिमालय कंपनी भी एक दवा कंपनी है जो विभिन्न रोगों के उपचार के लिए दवाइयां और अन्य स्वास्थ्य उत्पाद का निर्माण करती है 

हिमालय कंपनी की और जानेवाली हिमालय पाइल्स आपके बवासीर में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी 

आप इसका यूज कर कर देख सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं

पतंजलि बवासीर की दवा।

अगर बात करें हम बवासीर के इलाज की तो फिर पतंजलि कैसे पीछे हट सकता है 

पतंजलि में भी इसके लिए अनेक प्रकार की दवाई उपलब्ध है चाहे वह घरेलू आयुर्वेदिक और चाहे कोई घरेलू नुस्खा और 

फिर योग के द्वारा भी बवासीर को बाबा रामदेव के द्वारा ठीक करने के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं हां वह बात अलग है 

के इन से कुछ लोगों को आराम नहीं होता लेकिन जब किसी तक किसी चीज को आजमाया  नहीं जाता 

तब तक उसके बारे में कुछ गलत नहीं कहा जा सकता अगर आपको भी बवासीर काफी ज्यादा परेशान कर रही है 

तो आप बाबा रामदेव के द्वारा बताए की दवा उपयोग कर सकते है 

बवासीर की दवा पतंजलि में क्या है, अगर देखा जाए तो अर्शकल्प वटी बवासीर के लिए इस्तेमाल होने वाली एक बहुत अच्छी दवाई है 

और यह दवाई बवासीर के इलाज में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होती है इस बात का जिक्र कई बार बाबा रामदेव ने स्वयं किया  है 

इस वीडियो में देख सकते हैं इसके इसके साथ साथ आप पतंजलि त्रिफला चूर्ण का भी यूज कर सकते हैं जो आपके बवासीर में बहुत ज्यादा फायदा  पहुंचाएगा

 त्रिफला लेने से पेट आसानी से साफ होता है और यह पेट में कब्ज भी नहीं बनने देता 

इसलिए कब्ज को रोकने में त्रिफला चूर्ण बहुत ही महत्वपूर्ण है

दूध से बवासीर का इलाज व नींबू से बवासीर का इलाज 

 दूध से और नींबू से बवासीर का इलाज करने के लिए आपको यह घरेलू उपाय करना चाहिए 

इससे आपका बवासीर बाबा रामदेव के अनुसार बिल्कुल ठीक हो जाएगा 

और अगर आपका बवासीर  कुछ भी नहीं ठीक होता  है तो आप आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज करे

कुछ सामान्य सवाल जवाब 

बवासीर क्यों होता हैं इसके कारण क्या हैं  ( bavasir kyon hota hai)

बवासीर होने की  अधिक संभावना ऐसे व्यक्तियों में  अधिक होती है जिनका पेट लगातार खराब रहता है 

और जिन्हें बहुत ज्यादा कब्ज की समस्या बनी रहती है और लगातार कब्ज रहने से बवासीर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है 

कब्ज़ के अलावा भी बवासीर रोग होने के कई कारण है

कुछ अन्य कारण

 जो मल त्याग के दौरान अधिक जोर लगाते है

,लंबे समय तक शौचालय में बैठे रहते है, 

ऐसे खाद्य पदार्थ का ज्यादा सेवन जिनमें फाइबर कम हो, 

50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को,

गर्भवती महिलाओं में, 

 भारी सामान उठाने वाले या घंटो तक एक ही जगह पर बैठकर या खड़े  होकर काम करने से बवासीर   होने की अधिक  संभावना होती है

बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं

बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं इसको जानना बहुत जरूरी होता है 

अगर आप बवासीर रोग से पीड़ित हैं तो, हमारे भारत और दुनिया में बहुत ज्यादा मात्रा में चावल  खाया जाता हैं 

और बवासीर का रोग भी  बहुत लोगों को है ऐसे में चावल कैसे खाएं और कितना खाएं यह जानना बहुत जरूरी है 

क्योंकि बवासीर में कब्ज  बहुत   ज्यादा होती है बवासीर को ठीक करना है तो कब्ज को पहले ठीक करना होगा 

और कब्ज को ठीक करने के लिए आपको अपने खान-पान में सुधार करना होगा 

आपको ऐसी चीजें खानी  होंगी जो कब्ज को रोकने में सहायक होती है

चावल कब्ज करता हैं अगर आप चावल को ठीक ढंग से और संतुलित मात्रा में खाते हैं 

तो आपको इससे कोई नुकसान नहीं होगा और अगर संतुलित मात्रा में नहीं खाते तो आप कब्ज की समस्या को जन्म दे सकते हैं 

जिसके कारण आपकी बवासीर ठीक होने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो सकती हैं अगर आप चावल को मीठी वस्तु के साथ खाते हैं 

तो आप यह समझ ले कि आप फाइबर मुक्त खाना खा रहे हैं और अगर आप चावल को हरी सब्जी के साथ खा रहे हैं तो आप यह समझे कि 

आप फाइबर युक्त खाना खा रहे हैं फाइबर का मतलब रेशे वाला भोजन   जिसके कारण हमारा मल आसानी  से बाहर निकलता हैं  

और यही स्थिति चावल के साथ देखने को मिलती है चावल में  बहुत कम मात्रा में फाइबर होता है और या यूं कहें कि लगभग होता ही नहीं है 

लेकिन आज भिन्न भिन्न प्रकार के चावल देखने को मिलते हैं और बहुत सी  ऐसी  किस्में होती है चावल की जिनमें बहुत कम मात्रा में है 

या थोड़ा बहुत फाइबर देखने को मिलता है अगर विकिपीडिया के अनुसार देखें तो लंबे चावलों में लगभग 100 ग्राम चावल में 0.0 4 ग्राम फाइबर होता है 

जो कि बहुत ही कम होता है और यही कारण होता है कि बवासीर जैसे रोग में चावल को खाने की सलाह नहीं दी जाती हां थोड़ा बहुत चावल जरूर खा सकते हैं।

 लेकिन अधिक मात्रा में अधिक मात्रा में चावल का सेवन नहीं करना चाहिए और अगर चावल का सेवन करना ही है 

तो फिर चावल का सेवन हरी पत्तेदार सब्जियां जो होती हैं उनके साथ करना चाहिए क्योंकि हरी सब्जियां फाइबर की उच्च स्त्रोत होती है 

और इन में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है जैसे गोभी की सब्जी भिंडी की सब्जी लौकी की सब्जी ऐसी सब्जी होती हैं जिनमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है 

इस तरह अगर आप उच्च फाइबर युक्त सब्जियों के साथ  चावल का सेवन करते हैं 

तो आपको  कब्ज की समस्या नहीं रहेगी और आपको बवासीर में भी आराम मिलेगा

बवासीर में ईसबगोल के फायदे क्या है

बवासीर में ईसबगोल  के बहुत फायदे हैं इसबगोल का मतलब ईसबगोल की भूसी जो कि इसके बीज का छिलका होता है 

ईसबगोल कब्ज के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है अगर किसी व्यक्ति को बवासीर नहीं भी है 

तो भी उसे इसबगोल का प्रयोग करना चाहिए ज्यादा नहीं तो हफ्ते में एक से दो बार, 

क्योंकि इसबगोल में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है 

और बिना फाइबर के हमारे पेट में कब्ज बनने लगती है और जिन लोगों को बवासीर रोग पहले से ही है 

उन लोगों को ईसबगोल  का सेवन करने से बहुत फायदा होगा  

इसके सेवन की बात करें तो ईसबगोल की भूसी का सेवन अधिकतर  रात के समय किया जाता है 

और रात के समय प्रयोग करना ज्यादा लाभकारी होता है

बवासीर में chicken खाना चाहिए या नहीं 

अगर आप मांसाहारी है और अंडा, मुर्गा, मछली  खाना पसंद करते हैं 

और आपको बवासीर  रोग हैं तो फिर आपको ये चीजें नहीं खानी चाहिए क्योंकि ये ऐसी चीजें है 

जो  बवासीर को ज्यादा बढ़ा देती है जिसके कारण बवासीर  रोग जल्दी से ठीक नहीं होगा 

आपने एक बात अवश्य देखी होगी  जब भी चिकन बनाया जाता  है तो उसमें बहुत ज्यादा मात्रा में तेल और मसालों का प्रयोग किया जाता है 

जो कि बवासीर के रोगी के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं हैं चिकन में फाइबर नहीं पाया जाता 

इसलिए बवासीर के रोगी को चिकन नहीं खाना चाहिए 

बवासीर में केले के फायदे क्या हैं

बवासीर में केले के फायदे है आप चाहे सब्जी के रूप में खाएं या फिर पकाकर देखा जाए तो केला अधिकतर पका हुआ ही खाया जाता हैं 

केले में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं और साथ ही साथ इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर (रेशे) भी पाया जाता है जो बवासीर रोगियों के लिए फायदेमंद होता है

बवासीर में बादाम खाना चाहिए या नहीं 

बवासीर में बादाम  खाना चाहिए या फिर नहीं अगर आपके मन में यह प्रश्न  है तो आपको यह बात अच्छे से समझ लेनी चाहिए कि बादाम  से बवासीर रोग  ठीक नहीं होगा
चाहे आप बादाम  कम मात्रा में खाएं या फिर अधिक मात्रा में लेकिन अगर आप बादाम किसी और स्वास्थ्य लाभ लिए खाना चाहते हैं 

तो फिर आप बादाम  का सेवन कर सकते हैं बादाम से अगर बवासीर में कोई फायदा नहीं हुआ तो इससे नुकसान भी नहीं होगा 

अगर हम  फाइबर  की बात करें तो विकिपीडिया के अनुसार  100 ग्राम बादाम में लगभग 10 से 12 ग्राम फाइबर  पाया जाता है 

यह बादाम की क्वालिटी के ऊपर निर्भर करता है यह कम और ज्यादा भी हो सकता है  

इस फाइबर की मात्रा को हम बवासीर रोगियो के  लिए ज्यादा अच्छा तो नहीं कह सकते 

क्योंकि बवासीर के रोगियों को उच्च फाइबर युक्त वाले भोजन की आवश्यकता ज्यादा होती है 

ऐसे में आप अगर बादाम का सेवन करना चाहते है  तो आप सेवन कर सकते हैं 

लेकिन ध्यान रहे आप बादाम का सेवन अधिक मात्रा में ना करें क्योंकि अगर आप अधिक मात्रा में सेवन करते है 
तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे शरीर में अत्यधिक गर्मी,खुजली होना 

बवासीर में चाय पीनी चाहिए या नहीं?

बवासीर में चाय पीनी चाहिए या नहीं? चाय  कभी-कभी नुकसान देती हैं  चाय पेट में कब्ज करती है 

जिसके  कारण मल त्यागने में बहुत समस्या होती है और यह बवासीर को जल्दी से ठीक नहीं होने देती,

 बवासीर मैं कब्ज  को रोकना बहुत जरूरी होता है और अगर आप चाय अधिक पीते हैं तो आपको कब्ज  जैसी परेशानी देखने को मिलेंगी 

अगर आप चाहते हैं कि आपकी  बवासीर जल्द से जल्द ठीक  हो जाए तो आपको चाय नही पीनी चाहिए  

बवासीर में गर्म पानी पीने के फायदे 

बवासीर में गर्म पानी पीने के क्या फायदे होते हैं कुछ लोगों को लगता है कि बवासीर में गर्म पानी पीने से बहुत फायदा होता है 

लेकिन यह धारणा बहुत गलत होती है क्योंकि गर्म पानी से कोई फायदा नहीं होता है और इसमें रेशे नहीं होते हैं यह सामान्य पानी की तरह होता हैं 

कभी-कभी ऐसा लगता है कि गर्म पानी पीने से कब्ज की समस्या नहीं बनेगी लेकिन ऐसा नहीं है 

अगर आप गर्म पानी की जगह ठंडा पानी या फिर गुनगुने पानी का भी सेवन करते हैं तो यह कब्ज की समस्या में लाभदायक होता है 

लेकिन गरम पानी पीने से ज्यादा फायदा होगा ऐसा नहीं होता क्योंकि जब हम गर्म पानी पीते हैं तो  आधे से ज्यादा पानी हमारे मुंह में ही  ठंडा हो जाता है 

और इस तरह वह हमारे पेट में गुनगुने पानी की तरह ही काम करता है 

इसलिए आप गर्म पानी की जगह गुनगुने पानी का ही सेवन करें तो आपको बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे

बवासीर में रोटी खानी चाहिए या नहीं?

बवासीर में रोटी खानी चाहिए या नहीं यह जरूरी और बहुत ही महत्वपूर्ण क्वेश्चन है 

क्योंकि रोटी तो हम आप सभी खाते हैं लेकिन बवासीर में किस प्रकार की रोटी खानी चाहिए 

जिससे हमें फायदा हो और बवासीर बहुत जल्दी ठीक हो जाए क्योंकि  रोटी कौन सी खानी चाहिए 

इसका आपको पता होना चाहिए अपने दैनिक जीवन में कई प्रकार के रोटी खाते हैं 

जैसे गेहूं की रोटी मक्का की रोटी, चावल की  रोटी , ज्वार की रोटी लेकिन सबसे ज्यादा गेहूं की रोटी खाई जाती हैं 

सबसे बेस्ट रोटी चोकर के आटे की रोटी होती है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है 

जिससे मल त्यागने में बहुत ज्यादा परेशानी नहीं होती और बवासीर रोगी को कब्ज में बहुत ज्यादा आराम होता हैं

बवासीर में  मीठा खाना चाहिए या नहीं 

बवासीर में मीठा खाने से कोई  हानि नही होती अगर वह सिमित मात्रा में खाया जाता है  

अगर देखा जाए तो मीठा  अनेक तरह से खाया जाता है ज्यादातर मिठाई के जरिए और सीधे तोर पर भी खाया जाता 

इसमें  फाइबर नहीं  पाया जाता इसलिए  जितना हो सके मीठा  कम ही खाएं  

बवासीर में लहसुन खाना चाहिए या नहीं 

जहाँ तक बवासीर में लहसुन  खाने की बात है तो लहसुन का प्रयोग कम ही करना चाहिए 

चाहे आप बवासीर में करें या फिर सामान्य रूप से करें ऐसा माना जाता है कि लहसुन की एक या दो कली ही व्यक्ति को खानी चाहिए 

इससे ज्यादा खाने पर व्यक्ति को अनेक प्रकार की परेशानी हो सकती है अगर आप बवासीर में लहसुन खाना चाहते हैं 

तो बहुत सीमित मात्रा में लहसुन की 1 या 2 कली का ही प्रयोग करें इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा

क्या मेथी से बवासीर का इलाज हो सकता है 

मेथी से बवासीर का पूरा इलाज नहीं हो सकता लेकिन इससे फायदा जरुर हो सकता है बादी बवासीर में, खूनी बवासीर में लाभ नहीं होगा 

बादी बवासीर की समस्या  है तो इस प्रयोग को कर सकते हैं इसके लिए 4 से 5 ग्राम या फिर चुटकी भर मेथी रात को पानी में भिगोकर रख दे 

और सुबह पानी  को पी ले और मेथी के दानो को भी चबाकर खा जाए ऐसा करने से बवासीर मे फायदा होगा और पेट में बनने वाली कब्ज से भी राहत मिलेगी मेथी थोडी कड़वी लगती है 

आप स्वाद के अनुसार इसमेंं गुड या शक्कर मिला सकते हैलेकिन क्या ऐसा करने से फायदा होगा 

हमें  लगता है कि आप इस तरह के घरेलू उपाय के ही भरोसे मत बैठे अन्य दवाई भी साथ मे लेते रहे

बवासीर में नमक खाना चाहिए या नहीं 

बवासीर  में नमक खाना चाहिए नमक स्वाद के लिए खाया जाता है और 

यह सोडियम और कैल्शियम का स्त्रोत है नमक के बिना अच्छी   
 नहीं  लगती  इसलिए  नमक का प्रयोग जरूर करें, अगर आपको  बवासीर में  

ज्यादा खुजली  होती है तो नमक कम ही खाएं 





टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट